नई दिल्ली : हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण द्वारा हिंदी को समृद्ध और मजबूत बनाने की मुहिम ‘हिंदी हैं हम’ के अंतर्गत सानिध्य का आयोजन इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र दिल्ली में किया जा रहा है.कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री भारत सरकार श्री नित्यानंद राय ने दैनिक जागरण के 75 वर्ष की प्रगतिशील यात्रा पर एक विशेष प्रदर्शनी उद्घाटन किया.
इस मौके पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री भारत सरकार श्री नित्यानंद राय ने कहा “हिंदी हिन्दुस्तान के भाव में व्याप्त है मन हिंदी को ही स्वीकारता है चाहे परिवेश कहीं का भी हो .विश्व की जितनी भाषाओं का ज्ञान होगा उतनी ही हिंदी मजबूत होगी. स्वामी विवेकानंद दुनिया की कई भाषाओं को बोलते थे फिर भी उन्हें हिंदी से लगाव था और उन्होंने हिंदी का प्रचार प्रसार किया , और आज हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिंदी भाषा का उपयोग देश-विदेश में बड़े गर्व से करते हैं.
संजय गुप्त , सीईओ एवं प्रधान संपादक जागरण प्रकाशन लिमिटेड ने कहा ‘”हिंदी हैं हम’ हिंदी भाषा को विस्तार करने की एक अनोखी पहल है .देश की भाषा हिंदी संस्कृति से जोड़ती है , भाषा तब तक अधूरी है जब तक संस्कृति उसके साथ कदम ताल न करे .हमें संस्कृति को बचाना है और भारतीयता को बढ़ाना है तो हिंदी प्रसार जरूरी है.”
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र
‘हिंदी का भविष्य’ इसमें वक्ता इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी थे उन्होंने कहा “ हिंदी का भविष्य आज़ के बच्चे हैं .हिंदी पहले से ही अपने देश में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है कई लिपियों का होना हिंदी के लिये चुनौती रहा है. हिंदी की इसी जटिलता को देख के महात्मा गाँधी ने भी देवनागरी लिपि को अपनाने की बात की थी. हिंदी विश्व की 3 सबसे ज्यादा बोलनी भाषाओं में है, विश्वस्तर पर 20% लोग हिंदी बोलते हैं.आज़ के जमाने में हिंदी फिल्में भी विश्व पटल पर अपना जलवा दिखा रही हैं, और यह एक गर्व की बात है .हिंदी को भविष्य में बढ़ाव देने के लिये हिंदी को भाषा के स्तर पर पढ़ाया जाना चहिए और हिंदी का उपयोग कार्य संस्थानो में भी बढ़ाना चहिए .
दुसरे सत्र ‘रेडियो की बदलती भाषा’ में ऑल इंडिया रेडियो से जैनेद्र सिंह एवं रेडियो सिटी से आरजे दिव्या से संचालक राहुल नील ने बातचीत की. काफी गर्म माहौल में इस परिचर्चा में आज के एफएम रेडियो चैनल की भाषा पर विस्तार से बात हुई.
इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में मातृभाषा हिंदी से जुड़ी संभावनाओं, हिंदी में विकास के अवसर,हिंदी के विभिन्न पहलुओं, कार्य क्षेत्रों में हिंदी की जरूरत,हिंदी के भविष्य तथा वर्तमान समय में हिंदी की दशा एवं दिशा पर वरिष्ठ कवि ,साहित्यकार, विचारक और आलोचक अपनी अपनी अनुभव साझा किए .
दिनभर चले इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में वक्ताओं में प्रसून जोशी , प्रो.सुधीश पचौरी, अब्दुल बिस्मिल्लाह, राम बहादुर राय ,प्रो. आनंद कुमार ,जैनेद्र सिंह, सच्चिदानंद जोशी एवं आरजे दिव्या शामिल हुए