देश में जहां एक तरफ लोग कोरोना संकट से लड़ रहे हैं तो वहीं असम में लाखों लोग बाढ़ से अपनी जिंदगी बचाने में लगे हुए हैं। असम में बाढ़ का कहर ऐसा है कि 11 जिलों के 321 गांव बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। जिसके कारण 2 लाख 72 हजार लोग पानी के अथाह समंदर से जान बचाने की जंग लड़ रहे हैं।
असम में बाढ़ का ऐसा असर है कि राज्य में बहने वाली ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। जिसके कारण कई लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोगों को जान बचाने के लिए अपना घर बार छोड़ना पड़ा है। असम के सोनितपुर जिले की जिया भराली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ का पानी निचले इलाकों में कहर बरपा रहा है।
इसके अलावा असम के कार्बी आंगलोंग जिले में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। लोग बचे खुचे सामान इकट्ठा कर बांस से बनी नावों के जरिए गांव से बाहर जा रहे हैं। डिब्रूगढ़ में भी ब्रह्मपुत्र ने विकराल रूप धर लिया है। घरों में पानी भरने के बाद लोग जान बचाने के लिए गांव खाली कर रहे हैं।
असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक इस वक्त असम के 33 जिलों में से 11 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। ये जिले हैं लखीमपुर, धेमाजी, नगांव, बारपेटा, होजई, दरंग, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, और तिनसुकिया। फसलों के नुकसान की बात करें तो असम में बाढ़ की वजह से करीब 2,678 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
राज्य सरकार पांच जिलों में 57 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रही है। जहां 16 हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ की सबसे बुरी मार गोलपारा पर पड़ी है, जहां रोंगजुली में 4 लोगों की डूबने से मौत की खबर है। बाढ़ के बिगड़ते हालात को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को राहत और बचाव के लिए तैनात किया गया है, सेना भी अलर्ट पर है।