सिरसा
जिला के किसानों की मांगों व समस्याओं के लिए बीती 16 जनवरी से भारतीय
किसान एकता बीकेई के बैनर तले सिरसा के अलग-अलग गांवों के किसान उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने पर
बैठे हुए हैं। जिनकी मुख्य मांग खरीफ -2020 में सफेद मक्खी से बर्बाद हुई कपास की फसल का बकाया मुआवजा
258 करोड़ रुपए है, जिसमें से हरियाणा सरकार ने कुल 64 करोड़ 91 लाख रुपए ही जारी किया है। बीकेई अध्यक्ष
लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि इस बाबत पिछले 39 दिनों में किसानों ने जिला प्रशासन और कृषि मंत्री जय
प्रकाश दलाल से मीटिंग भी की, लेकिन अभी तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके चलते गांव डिंग मंडी
के 68 वर्षीय किसान ओम प्रकाश झुरिया ने (जो स्वतंत्रता सेनानी परिवार से संबंधित हैं) वीरवार 23 फरवरी से
मांगें पूरी होने तक आमरण-अनशन शुरू कर दिया है। औलख ने बताया कि उनके द्वारा पक्ष प्रतिपक्ष के
राजनेताओं को ज्ञापन सौंपने के बाद विधायक शिशपाल केहरवाला विधानसभा में भी सिरसा के किसानों का मुद्दा
उठा चुके हैं। फिर भी हरियाणा सरकार की बेरुखी से दु:खी होकर ओमप्रकाश डिंगमंडी ने स्वेच्छा से आमरण-
अनशन पर बैठने का फैसला लिया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अनशन के दौरान उनके
साथी किसान के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेवार हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन होंगे।