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आबकारी घोटाले ने खोल दी दिल्ली सरकार के झूठे दावों की पोल : ओम बहल

सिरसा 23 अगस्त ।( सतीश बंसल ) – पूर्व नगर पार्षद ओम बहल ने कहा है कि कोरोना त्रासदी के दौरान जब दिल्ली में कोरोना पीक पर था, उस समय दिल्ली के हस्पतालों में बैड नहीं मिल रहे थे तथा ऑक्सीजन व दवाईयों के अभाव में लोग दम तोड़ रहे थे परन्तु इधर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आबकारी विभाग जो कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिया हुआ था, इन्होंने शराब की नीति बनाकर तथा ठेकेदारों के साथ कथित मिलीभगत करके 144 करोड़ रूपये का घोटाला कर दिया तथा दिल्ली में गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले, स्कूल, होस्पीटल, मन्दिर के पास धड़ल्ले से शराब की दुकानें खोल दीं। दिल्ली में शराब पीने वालों की उम्र भी घटाकर 21 वर्ष से 18 वर्ष कर दी गई जो कि सीधे-सीधे युवाओं की जवानी पर कुठाराघात था। एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री देकर तथा युवा पीढ़ी को नशे की अंधी दुनिया में धकेलकर ये लोग कहते हैं कि हमने अच्छे काम किए हैं तो जनता यह सब जानती है। काश कि दिल्ली सरकार ने आबकारी घोटाला न करके हस्पतालों में अधिक बैड बनवाए होते तो सैंकड़ों दिल्लीवासी अकाल मृत्यु की गोद में ना समाते। इसके अलावा इन पैसों को नये स्कूल खोलने व उन्हें अपग्रेड करने में यदि लगाया होता तो आने वाली पीढ़ी को कहीं अधिक लाभ होता। ओम बहल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता जब टी.वी. चैनलों पर आते हैं तो दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति एवं स्वास्थ्य नीति की जमकर तारीफ करते हैं तथा अक्सर कहते हैं कि इसकी प्रशंसा तो विदेशों तक में की जाती है।

परन्तु ये प्रवक्ता दिल्ली सरकार की शराब नीति पर बात करने से हमेशा कतराते हैं परन्तु वस्तु स्थिति यह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार में दिल्ली में एक भी नया होस्पीटल नहीं खोला गया और न ही कोई नया कॉलेज खोला गया है। साफ है कि जनता को बेवकूफ बनाकर उसकी भारी-भरकम राशि को विज्ञापनों में खर्च करके अपनी पीठ थपथपाई जा रही है तथा लोगों को झूठे विज्ञापनों में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए आंकड़ों से उन्हें गुमराह किया जा रहा है। जब केन्द्र द्वारा 144 करोड़ रूपये के घोटाले की जांच की बात की गई तो उस समय दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति ही बदल दी, इससे साफ है कि दिन-रात अपने मुंह मिट्ठू कहने वाले लोग अब मुंह दिखाने के लायक नहीं है।