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मोदी-शाह को आचार संहिता उल्लंघन पर क्लीन चिट देने पर नाराज हुए चुनाव आयुक्त, बैठकों से किया बायकॉट

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के चलते कई नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा है। जिसके कारण उनके खिलाफ आयोग ने एक्शन भी लिया है। जबकि कई नेताओं को नोटिस देकर आगे से ऐसा न करने की नसीहत दी गई।

वहीं इस चुनाव में विपक्षी पार्टियों की ओर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र पर कई मौंको पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। हालांकि आयोग की ओर से हर मौके पर मोदी-शाह को क्लीन चिट दी गई।

वहीं इस फैसले से जहां विपक्षी नेताओं में रोष है, तो अब इस मामले में एक नया मोड़ देखने को मिला है। दरअसल चुनाव आयोग की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में क्लीन चिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आयोग की बैठक में ही आना छोड़ दिया है।

मीडिया रिपोर्ट की ओर से इस बात की जानकारी प्राप्त हुई है। लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं लिया जाएगा, तब तक वह आयोग की किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।

बताते चलें कि पीएम मोदी और अमित साह के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए जो समिति गठित की गई थी। उसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ-साथ अशोक लवासा और सुशील चंद्रा भी शामिल थे।

जहां दो सदस्यों ने पीएम मोदी और शाह को क्लीन चिट देने के पक्ष में मत रखा, तो वहीं लवासा का मत दोनों से भिन्न था। उन्होंने मोदी-शाह को आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में ही माना था लेकिन बहुमत न मिलने से आचार संहिता उल्लंघन मामले में मोदी-शाह को क्लीन चिट दे दी गई।

इसके अलावा लवासा यह भी चाहते थे कि उनका मत रिकॉर्ड पर लिया जाए, लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं। जिसके बाद उन्होंने बीती 4 मई से आयोग की बैठकों से खुद को अलग कर लिया और यह कहा है कि जब तक उनकी असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं लिया जाता, तब तक वह बैठकों में नहीं जाएंगे।