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अगर ऐसा हुआ, तो ईवीएम की जगह वीवीपैट की गिनती के आधार पर जारी होंगे चुनावी नतीजे, हो सकती है देर

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के छह चरण के मतदान खत्म हो चुके हैं और अब केवल सातवे चरण का ही मतदान बचा हुआ है। जिसके तहत 19 मई को बची हुई लोकसभा सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। इसके बाद 23 मई को चुनावी नतीजों की घोषणा की जाएगी। हालांकि आपको ध्यान होगा कि चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि चुनाव नतीजे घोषित करने में थोड़ा समय और लग सकता है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है वीवीपैट।

दरअसल, वीवीपैट में दर्ज मतों को गिनने में काफी ज्यादा समय लगता है। जिस पर आयोग का कहना है कि मतगणना के दौरान ईवीएम और वीवीपैट में दर्ज मतों के बीच अंतर पाए जाने पर वीवीपैट के आंकड़ों को ही सही और अंतिम माना जाएगा। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गिनती के समय हर लोकसभा क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम और इनसे संबंधित वीवीपैट में दर्ज वोटों का मिलान किया जाएगा।

हालांकि इसमें एक नियम और जुड़ा हुआ है। वह ये कि अगर प्रत्याशी की मांग होती है तो किसी विशेष ईवीएम और संबंधित वीवीपैट की भी गिनती और मिलान किया जा सकता है। चुनाव आयोग की ओर से सभी राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों को मतगणना के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। क्योंकि चुनाव खत्म होने में अब देर नहीं है।

बताते चलें कि इस बार सभी बूथों पर ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट भी रखी गई थी। जिसके बाद आयोग ने भी यह साफ कर दिया था कि अगर चनावी नतीजों की गणना करते समय ईवीएम और वीवीपैट में दर्ज मतों में अंतर पाया जाता है, तो ऐसे में वीवीपैट की गिनती को ही अंतिम और निर्णायक माना जाएगा और उसी के आधार पर चुनावी परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। वहीं मतदान के दौरान आयोग लॉटरी के जरिए चुने गए पांच वीवीपैट की गिनती और उनमें दर्ज मतों का ईवीएम से मिलान करेगा।