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सावधान: प्रेगनेंसी मे आप भी कर रही हैं साबुन का इस्तेमाल, हो सकती हैं इस बड़े खतरे का शिकार

प्रनेंसी में कई बातो का ध्यान रखना पढता है और आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है ऐसी ही एक जरुरी बात का।  साबुन और शैंपू जैसे व्यक्तिगत देखभाल के उत्पादों, डिब्बाबंद खाद्य और कई अन्य दैनिक उत्पादों के लंबे समय तक संपर्क में रहना गर्भपात का कारण हो सकता है। 

कुछ फैथलेट्स जिनका प्रयोग इन उत्पादों को बनाने वाले कारखानों के कामगार ही नहीं, इनके संपर्क में आने वाले आम लोगों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। 

हो सकती है ये समस्या

ध्यान देने की बात ये है कि  कुछ फैथलेट्स के उच्च स्तरों से संपर्क में रहने का गर्भपात से संबंध हो सकता है। इनमें से कई उत्पाद रंग-रोगन, मेडिकल ट्यूब्स, विनायल फ्लोरिंग, साबुन, शैंपू और अन्य चीजों में शामिल होते हैं। इनके कम स्तर के कुछ मिश्रणों से लंबे समय तक संपर्क में रहना प्रयोगशालाओं के जीवों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है और उनके गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है।

वैसे भी ये भी जरुरी बात है जिसकी और आपका ध्यान जाना जरुरी है वो ये कि एक अध्ययन में पाया गया कि कारखानों में काम करने के कारण फैथलेट्स के उच्च स्तरों से संपर्क में आने वाली महिलाएं के गर्भपात का खतरा अधिक होता है। यह अध्ययन एंवयारमेंट साइंस एंड टेक्नोलोजी जर्नल में प्रकाशित हुआ।