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12 लाख से ज्यादा कंपनियों के लिए सरकार ने अनिवार्य की ई-फाइलिंग, फेल होने पर लगेगा इतना जुर्माना

फर्जी कंपनियों पर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के सख्त नियमों के जरिए शिकंजा कसते हुए सरकार ने भारत में पंजीकृत 12 लाख से ज्यादा कंपनियों के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य की गई ई-फाइलिंग में पंजीकृत कार्यालय का ब्योरा समेत उनके सारे विवरण को अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। कंपनी कार्य मंत्रालय ने कंपनी (संयोजन) संशोधन नियम 2019 को अधिसूचित किया है जिसके तहत 31 दिसंबर 2017 से पहले पंजीकृत सभी कंपनियों को 25 अप्रैल 2019 को या उससे पहले ई-फार्म एसीटीआईवीई (एक्टिव कंपनी टैगिग आइडेंटिटीज एंड वेरीफिकेशन)-आईएनसी-22 ए फाइल करना अनिवार्य है।

ई-फार्म एसीटीआईवीई फाइल करने में विफल रहने वाली कंपनी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ उसे एसीटीआईवीई का पालन नहीं करने वाली कंपनी घोषित किया जाएगा। एक बार कंपनी को एसीटीआईवीई का पालन नहीं करने के लिए चिन्हित किए जाने पर वह अपनी पूंजी संरचना में बदलाव नहीं कर पाएगी या विलय या एकीकरण का करार नहीं कर पाएगी। ऐसी कंपनियां अपने निदेशकों में बदलाव या पंजीकृत कार्यालय में बदलाव नहीं कर पाएगी।

पहचान जाहिर नहीं करने के इच्छुक एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “नियमों में स्पष्ट किया गया है कि कंपनियों को अपने ब्योरे के साथ ई-फाइल करना होगा ताकि उनके संचालन की उचित जांच हो सके और फर्जी कंपनियां बनने पर रोक लगाई जाए।” पिछले साल मंत्रालय ने एक नया केवाईसी नियम लागू किया था जिससे कंपनियों के 33 लाख निदेशक प्रभावित हुए।

इसके तहत निदेशकों को व्यक्तिगत मोबाइल नंबर, ईमेल का पता, परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) और आधार नंबर के विवरण के साथ ई-फाइल फॉर्म दाखिल करना था। निदेशकों के लिए एक वीडियो सत्यापन का भी प्रावधान किया गया, जिसमें 30 सेकेंड के वीडियो क्लिप के जरिए खुद की पहचान बताना अनिवार्य है। फॉर्म आईएनसी-22 एक या एसीटीआईवीई की फाइलिंग की नई अधिसूचना के अनुसार, कंपनी को वित्त वर्ष 2018 के लिए अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा।