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सीएम योगी ने दिया निर्देश किसी भी धर्म के लोग उपद्रव मचाएंगे तो होगी कार्यवाही

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को राजधानी में कहा कि उनकी सरकार सभी धर्मों को समान सम्मान देती है, अगर लोग दूसरों को परेशान करने के लिए अपनी आस्था का घिनौना प्रदर्शन करेंगे तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम ने जमीनी स्तर के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात करते हुए कहा, ‘कुछ लोगों ने हनुमान जयंती के अवसर पर सूबे के माहौल को प्रदूषित करने की कोशिश की थी, इसको देखते हुए सीएम ने अधिकारियों से 3 मई को ईद और अक्षय तृतीया एक साथ मनाए जाने की संभावना के लिए तैयार रहने को कहा। सीएम ने राज्य भर में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों को सुचारू रूप से नियंत्रित करने का हवाला देते हुए लोकतंत्र में संवाद की भूमिका पर भी जोर दिया। बतादें सीएम के आदेश के बाद से ही सूबे में बिना किसी पूर्व अनुमति या कारण के धार्मिक स्थलों पर लगाए गए लाउडस्पीकरों को उतरवाने से लेकर कई स्थानों पर ध्वनि के मापदंडों के अनुसार उनकी आवाज को सीमित करने के लिए पुलिस प्रशासन तेज गति से काम कर रहा है।

सीएम ने वरिष्ठ अधिकारियों को उन्हें सौंपे गए अधिकार क्षेत्र के भीतर धार्मिक नेताओं और मस्जिदों और मंदिरों में समारोहों का प्रबंधन करने वाली समिति के साथ लगातार संपर्क में रहने के लिए कहा है। शहरी क्षेत्रों और गांवों में प्रतिनियुक्त कॉस्टेबलों को सख्त निगरानी रखने और नियमों के उल्लंघन और उपद्रवियों के जमावड़े की सूचना जिला मुख्यालय को देने के लिए भी कहा गया है। पूर्वी यूपी में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘गांवों और ग्रामीण हिस्सों में दोनों ही समुदायों के बीच संबंध मजबूत हैं। अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि, कॉस्टेबलों और स्टेशन हाउस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि त्योहार बिना किसी गड़बड़ी के खत्म हो जाएं। इस बीच, आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, सर्कल अधिकारियों और स्टेशन हाउस अधिकारियों के रूप में प्रतिनियुक्त वरिष्ठ अधिकारियों को अपने कार्यालय में प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों के मूवमेंट और कार्रवाई को रिकॉर्ड करने के लिए एक रजिस्टर बनाए रखने के लिए कहा गया है। इसी तरह वरिष्ठ अधिकारियों के अभिलेख भी बनाए जाएंगे और लखनऊ में पुलिस मुख्यालय के साथ साझा किए जाएंगे। अधिकारियों को शांति सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों, धर्मगुरुओं और ग्राम प्रधानों सहित अन्य लोगों की मदद लेने के लिए कहा गया है। बुधवार शाम को हुई बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और एडीजी (कानून व्यवस्था) ने भाग लिया।