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CM योगी ने पहली बैठक में निभाया PM मोदी का वादा, छोटे किसानों का कर्ज माफ

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी के 86.88 लाख लघु व सीमांत किसानों को रामनवमी के मौके परCapture एक लाख रुपये तक के कर्जमाफी का बड़ा तोहफा दिया है। पहली ही कैबिनेट की बैठक में लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण की माफी को मंजूरी दे दी गई।
 
31 मार्च 2016 तक लिए गए कर्ज में से वित्तीय वर्ष 2016-17 में चुकता की गई रकम को घटाते हुए अधिकतम एक लाख रुपये की सीमा तक कर्ज माफ किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से 30,729 करोड़ का बोझ आएगा। वहीं कर्ज चुकता न कर पाने वाले सात लाख किसानों को भी सरकार ने राहत दी है। कर्जमाफी से सरकार पर कुल करीब 36,359 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।

शपथ ग्रहण के 17 वें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक लोकभवन में हुई। इसमें कर्जमाफी के वादे पर मुहर लगा दी गई।

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सरकार के  प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि पिछले सालों में सूखा, ओलावृष्टि व बाढ़ से किसानों का काफी नुकसान हुआ था। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कैबिनेट की पहली बैठक में ही कर्जमाफी कराने का वादा किया था।

92.5 फीसदी हैं लघु व सीमांत किसान

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2.30 करोड़ किसान हैं। इनमें 92.5 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान हैं। इनका 30729 करोड़ ऋण माफ किया गया है। फसली ऋण माफी की अधिकतम सीमा प्रति किसान एक लाख रुपये होगी।

कर्ज न चुका पाने वाले सात लाख किसानों को भी माफी
सात लाख किसान ऐसे हैं जिन्होंने ऋण लिया लेकिन वह नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) बन गया। यह रकम 5630 करोड़ रुपये है। इन किसानों को बैंकों ने फसली ऋण देना बंद कर रखा है।

ऐसे किसानों को मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार ने एनपीए की पूरी रकम एकमुश्त समाधान (ओटीएस) केरूप में माफ करने का फैसला किया है। इस फैसले से ये किसान फिर से बैंकिंग सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।

केंद्र से मदद नहीं, ‘किसान राहत बॉन्ड’ लाएगी सरकार

सिद्धार्थनाथ सिंह ने नई सरकार में विधानमंडल का पहला सत्र जल्दी बुलाने का संकेत किया है। उन्होंने बताया कि  किसानों की कर्जमाफी के लिए केंद्र सरकार मदद नहीं दे रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार कर्जमाफी के लिए ‘किसान राहत बॉन्ड’ लाएगी।

इसके लिए विधानमंडल की मंजूरी ली जाएगी। ऐसे में सरकार सत्र बुलाने में ज्यादा देर नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत रह सकता है। बांड लाने से यह सीमा बढ़ेगी इसके लिए विधानमंडल की अनुमति ली जाएगी।

सहकारी समेत किसी भी बैंक से लिए कर्ज पर पा सकेंगे फायदा
2.5 एकड़ तक के सभी किसान सीमांत किसान की श्रेणी में आएंगे। इस तरह दो हेक्टेयर अर्थात पांच एकड़ तक केसभी किसान लघु किसान माने जाएंगे। प्रारंभिक गणना के मुताबिक प्रदेश में ऐसे 86.88 लाख लघु व सीमांत किसान हैं जिन्होंने बैंकों से फसली ऋण लिया हुआ है। सहकारी सहित किसी भी बैंक से फसली ऋण लेने वाले किसान कर्जमाफी का फायदा पाएंगे।

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