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सरकार की योजना से मिली पांच साल के बच्चे को नयी जिंदगी

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर-खीरी। उस परिवार को उम्मीद भी नहीं थी कि शायद ही कभी उसका बच्चा बोल पाएगा और सही से खाना भी खा पाएगा। अपने बच्चे की हालत देख मां-बाप का दिल रो उठता था। हमेशा भगवान से उन्हें किसी मदद की आस लगी रहती थी। फिर भगवान ने उनकी सुनीं। केंद्र और प्रदेश सरकार की एनएचएम के अंतर्गत संचालित आरबीएसके टीम उसके गांव पहुंची। टीम ने बच्चे का परीक्षण किया और कहा कि यह स्वस्थ हो सकता है। बच्चे को जिंदगी देने के लिए सीएचसी से लेकर लखनऊ तक के डाक्टरों की टीम लगी। कई दिन चले उपचार और करीब चार घंटे के आपरेशन के बाद आखिरकार मां-बाप की मुराद पूरी हुई। सही होकर घर पहुंचे बच्चे ने नई जिंदगी देने वाली आरबीएसके टीम से मिलने की इच्छा जाहिर की। जब मां-बाप ने सीएचसी पहुंचकर बच्चे को टीम से मिलाया तो बच्चे को ही नहीं बल्कि टीम को भी उसे स्वस्थ देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

  केंद्र व प्रदेश सरकार के सहयोग से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किए जाने व बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व इलाज के लिए एनएचएम के अंतर्गत आरबीएसके संचालित है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्राइमरी विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों का नि:शुल्क परीक्षण किया जाता है। इसी परीक्षण के दौरान 15 मार्च को आरबीएसके टीम ने मितौली सीएचसी के अंतर्गत आने वाले अहिरी गांव की विजिट की। यहां पर स्क्रीनिंग के दौरान आरबीएसके टीम के डाक्टरों को एक ऐसा बच्चा मिला जिसका नाम सचेत (5) पुत्र सर्वेश था। उसका तालू पूरा कटा हुआ था। इस कारण वह बोलने और खाने में असमर्थ था। आरबीएसके की टीम ने इसे चिह्नित कर स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ दिलाया। इस बच्चे का इलाज शुरू हुआ। जिसके बाद इसे पांच जून को सीएचसी मितौली से जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। यहां हालत गंभीर देख उसे स्वामी विवेकानंद हास्पिटल लखनऊ में भर्ती कराया गया। आरबीएसके टीम के डाक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक एएन चौहान के सहयोग से बच्चे का इलाज शुरू हुआ था। जिसके बाद जिला अस्पताल में डाक्टर राकेश दीक्षित ने भी बच्चे का परीक्षण किया। उनके द्वारा सही दिशा-निर्देश के बाद बच्चे को पांच जून को स्वामी विवेकानंद हास्पिटल लखनऊ में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों की टीम द्वारा नौ जून को आपरेशन किया गया। यह आपरेशन करीब चार घंटे चला। जिसके बाद  कुछ दिन बच्चा वहां भर्ती रहा। जिसके बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर वापस आ गया है। उन्होंने यह भी बताया कि यह आपरेशन भारत सरकार की एक योजना के अंतर्गत स्माइल संस्था द्वारा आरबीएसके के सहयोग से कराया गया है। इस आपरेशन में करीब तीन लाख रुपए का खर्चा आता है जिसे यह गरीब परिवार नहीं उठा पाता। संस्था द्वारा इस बच्चे के साथ ही दो अन्य लोगों को भी रहने खाने की व्यवस्था की गई थी। बच्चे के मां और बाप आपरेशन के दौरान वहीं रुके। सचेत जब स्वस्थ होकर वापस अपने गांव पहुंचा तो उसने आरबीएसके टीम से मिलने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद परिवार उसे मितौली सीएचसी लेकर आया जहां डाक्टर रौनक , डा. राजेश वर्मा, डा. सीमा खान, डा. शादाब, शशांक मिश्र, अभिषेक मिश्र, सरिता व शिल्पी बाजपेई ने बच्चे की हौसला अफजाई की। टीम बच्चे को स्वस्थ देखकर बहुत खुश हुई। इस दौरान सीएचसी अधीक्षक डा. एएन चौहान ने बच्चे को शुभकामनाएं दीं था अन्य लोगों से अपील की कि वे गरीब परिवार जिनके बच्चों को किसी भी तरह की कोई तकलीफ है वे सभी अस्पताल में आकर अपने बच्चे का परीक्षण करा सकते हैं। सरकार की योजना का लाभ उठाकर अपने बच्चे को स्वस्थ करा सकते हैं।