आज के समय में युवाओं के साथ – साथ छोटे बच्चे भी स्मार्ट फोन से खेलते रहते है. कई शोध इसका खुलासा कर चुके है कि स्मार्टफोन का ज्याद प्रयोग सेहत के लिए हानिकारक होता है. स्मार्टफोन आ गया है, ऐसे में बड़ो से लेकर बच्चो तक सभी स्मार्टफोन दे दीवाने हो गये है ,पर वही स्मार्टफोन की ये लत हमारे सेहत पर भारी पड़ रही है. हमे मानसिक रूप के साथ शारीरिक रूप से भी बीमार बना रहा है.
आज हम आपको स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल से होने वाले ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य समस्याओ के बारे में बताने जा रहे है ,जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है क्योकि हो सकता है कि शायद आप भी इसके शिकार हो या होने वाले है इसीलिए समय रहते ही उचित सावधानी और बचाव बेहद जरुरी है.
जानिए स्मार्टफोन से आप किन-किन बीमारियों का शिकार हो सकते है.
भारत में इस तरह स्क्रीन स्विच करना आम बात है. मोबाइल फोन का लंबे समय तक उपयोग गर्दन में दर्द, आंखों में सूखेपन, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम और अनिद्रा का कारण बन सकता है.
20 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 60 प्रतिशत युवाओं को अपना मोबाइल फोन खोने की आशंका रहती है, जिसे नोमोफोबिया कहा जाता है. इस अवस्था इंसान के अंदर बेचैनी काफी ज्यादा बढ़ जाती है.
पूरी दुनिया नोमोफोबिया का सबसे ज्यादा शिकार पुरुष ही हैं, नोमोफोबिया के चपेट में 58 फीसदी पुरुष और47 फीसदी महिलाएं शामिल हैं.
हम प्रतिदिन विभिन्न उपकरणों पर जितने घंटे बिताते हैं, वह हमें गर्दन, कंधे, पीठ, कोहनी, कलाई और अंगूठे के लंबे और पुराने दर्द सहित कई समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाता है.
स्मार्टफोन को अधिक इस्तेमाल करने से आप हो सकते है इस बड़ी बीमारी का शिकार
आज के समय में युवाओं के साथ – साथ छोटे बच्चे भी स्मार्ट फोन से खेलते रहते है. कई शोध इसका खुलासा कर चुके है कि स्मार्टफोन का ज्याद प्रयोग सेहत के लिए हानिकारक होता है. स्मार्टफोन आ गया है, ऐसे में बड़ो से लेकर बच्चो तक सभी स्मार्टफोन दे दीवाने हो गये है ,पर वही स्मार्टफोन की ये लत हमारे सेहत पर भारी पड़ रही है. हमे मानसिक रूप के साथ शारीरिक रूप से भी बीमार बना रहा है. आज हम आपको स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल से होने वाले ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य समस्याओ के बारे में बताने जा रहे है ,जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है क्योकि हो सकता है कि शायद आप भी इसके शिकार हो या होने वाले है इसीलिए समय रहते ही उचित सावधानी और बचाव बेहद जरुरी है.
जानिए स्मार्टफोन से आप किन-किन बीमारियों का शिकार हो सकते है.
भारत में इस तरह स्क्रीन स्विच करना आम बात है. मोबाइल फोन का लंबे समय तक उपयोग गर्दन में दर्द, आंखों में सूखेपन, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम और अनिद्रा का कारण बन सकता है.
20 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 60 प्रतिशत युवाओं को अपना मोबाइल फोन खोने की आशंका रहती है, जिसे नोमोफोबिया कहा जाता है. इस अवस्था इंसान के अंदर बेचैनी काफी ज्यादा बढ़ जाती है.
पूरी दुनिया नोमोफोबिया का सबसे ज्यादा शिकार पुरुष ही हैं, नोमोफोबिया के चपेट में 58 फीसदी पुरुष और47 फीसदी महिलाएं शामिल हैं.
हम प्रतिदिन विभिन्न उपकरणों पर जितने घंटे बिताते हैं, वह हमें गर्दन, कंधे, पीठ, कोहनी, कलाई और अंगूठे के लंबे और पुराने दर्द सहित कई समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाता है.