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गुरुग्राम में भाजपा को मिली संजीवनी, विधायक उमेश की पत्नी ने नामांकन वापस लिया

 

गुरुग्राम (हरियाणा)। भारतीय जनता पार्टी को सोमवार को तब संजीवनी मिल गई, जब भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल ने पत्नी अनीता लूथरा अग्रवाल का नामांकन वापस करवा लिया। उन्होंने खुद को टिकट न मिलने पर बागी होकर पत्नी का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यह कहकर नामांकन कराया था कि कार्यकर्ताओं का उन पर दबाव है। ऐसे में अब राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि क्या वह दबाव खत्म हो गया?

सोमवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन था। उमेश अग्रवाल के पत्नी के नामांकन के बाद उनके अगले कदम का भाजपा को इंतजार था। इससे पहले मनाने के प्रयास भी किए गए। अंत में दोपहर 12 बजे से पहले ही एक अच्छी खबर आई। विधायक उमेश अग्रवाल ने ट्विट कर बताया कि उन्होंने पत्नी अनीता लूथरा अग्रवाल का नामांकन वापस करवा दिया है।

विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि उनके साथ जुड़े भाजपा के सैकड़ों पदाधिकारी, कार्यकर्ता, विभिन्न आरडब्लूए के अध्यक्ष व हजारों समर्थक चाहते थे कि अनीता लूथरा अग्रवाल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ें। इन समर्थकों का कहना था कि उन्होंने पिछले पांच साल के दौरान गुरुग्राम में जो दर्जनों बड़ी विकास योजनाएं लागू कराईं और लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए 40 हजार से भी अधिक लोगों को प्रयागराज में महाकुंभ स्नान और माता वैष्णो देवी के दर्शन कराए, उससे यहां के निवासी व्यक्तिगत रूप से उनसे जुड़े हुए हैं। इन समर्थकों का स्पष्ट मत रहा कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अनीता की जीत तय है। अनीता के संयोजन में ऐसे कई सामाजिक धार्मिक कार्यक्रम हुए हैं, जिनसे समाज में उनकी अपनी अलग पहचान कायम है।

विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता नहीं चाहते थे कि अनीता निर्दलीय चुनाव लड़ें। इसीलिए अनीता चुनाव मैदान से हट गईं। उन्होंने बताया कि इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से हुई बातचीत तथा समर्थकों व बिरादरी के प्रमुख लोगों से चर्चा की गई। इसके बाद अनीता लूथरा अग्रवाल ने नामांकन वापस ले लिया।