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पितृपक्ष मेले का आज अंतिम दिन, पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए लोगों ने किया तर्पण

विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले का आज अंतिम दिन है. अंतिम दिन फल्गु नदी पर तीर्थयात्रियों का जनसैलाब उमड़ आया है. पितृ अमस्या का दिन है. इसे महालया भी कहा जाता हैं.

आज ही के दिन हिन्दू समुदाय के लोग अपने पितरों के लिए मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से तर्पण करते हैं. आज तर्पण के लिए देश-विदेश से लाखों की तदाद में लोग गया पहुंचे थे, जिन्होनें अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए तर्पण किया.

ऐसे मिलता है पितरों को मोक्ष

स्थानीय पुजारी बदरीनाथ पांडे ने कहा कि पितृपक्ष मेले के आखिरी दिन फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष मिलता है. केवल देश-विदेश के तीर्थयात्री ही नहीं बल्कि गया शहर के निवासी भी अंतिम दिन अपने पितरों को तर्पण करते हैं. जिससे पितरों को मोक्ष मिलता है.

हालांकि 3 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण फल्गु नदी का जलस्तर बहुत बढ़ गया है. पूरब से लेकर पश्चिमी तट तक फल्गु नदी में पानी आ जाने से श्रद्धालु नदी तट ही तर्पण कर्मकांड काम कर रहे हैं

मोक्ष नगरी के नाम से विख्यात बिहार के गया में पितृपक्ष महासंगम मेले में कोने-कोने से आए हुए भक्त ने अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए गुरुवार को पितृ दीपावली मनाई. देवघाट के सूर्य मंदिर के निकट दीप जलाकर लोगों ने अपनो पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.