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प्रसपा ने 100वीं जयंती पर बिहार के पूर्व सीएम बि.पी. मंडल को किया याद

 

 

लखनऊ। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल की 100वीं जयंती रविवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यालय में धूमधाम के साथ मनाई गई।  बि.पी. मंडल के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शों का उल्लेख किया गया।

इस दौरान आयोजित संगोष्ठी में प्रसपा के पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र मौर्या ने कहा कि आज बिपी मंडल के पद चिन्हों पर कोई चल रहा है तो वह प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ही है।

प्रसपा पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा ने बि.पी. मंडल के पिछड़ों के प्रति उत्थान वाली सोच के विषय में अपनी बात रखी। प्रसपा प्रवक्ता इं अरविन्द सिंह यादव ने कहा कि शिवपाल सिंह यादव गांधीवादी लोहियावादी चौधरी चरणवादी, जनेश्वर मिश्र के विचारों को लेकर दिन रात कार्य कर रहे हैं। उससे यही लगता है कि असली सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता, गरीबों की लड़ाई, वंचितों को न्याय दिलाने की लड़ाई प्रसपा प्रमुख ही लड़ रहे हैं, जो पहले बी.पी. मंडल ने भी कहीं न कहीं इसी रूप से लड़ाई लड़ी।

प्रसपा प्रवक्ता गौतम राणे, डी.पी. यादव एवं प्रसपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन सिंह काका भी अपने विचार व्यक्त किए। वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष दिनेश सिंह ने बी.पी. मंडल के विषय में विस्तार से अपना विचार वर्णन किया।

इस मौके पर प्रसपा जिला अध्यक्ष रंजीत यादव, महानगर अध्यक्ष कल्पेश दिवेदी, रवि यादव, उपेन्द्र सिंह, जय श्री शुक्ला, अजय यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

 

गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के अध्यक्ष बिपी मंडल का जन्म 25 अगस्त 1918 को देवभूमी काशी में हुआ था। उनका पैतृक घर मधेपुरा जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दक्षिण मुरहो में अवस्थित है जहां उनकी समाधी स्थल भी है। उनके पिता रासबिहारी लाल मंडल थे, जो स्वाधीनता सेनानी थे और बिहार में कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में एक थे। जबकि माता का नाम सीतावती देवी था। वे जमींदार परिवार से आते थे। उनका विवाह 1937 ई. में सीता देवी से हुआ। 

 

बीपी मंडल 1952-57 में प्रथम बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। इसके बाद भी 1962-67 में भी वे विधान सभा के सदस्य रहे। वे एक फरवरी 1968 से 18 मार्च 1968 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे।

20 सितम्बर 1978 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 4 अन्य सदस्यों के साथ बीपी मंडल जी की अध्यक्षता में एक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा की। उनके साथ जो सदस्य नियुक्त हुए वो थे दीवान मोहन लाल, आरआर भोले, दीनबंधु साहू और के के सुब्रमन्यणम।

21 अगस्त 1979 से मंडल आयोग अपना कार्य प्रारंभ किया। 12 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग ने अपना काम ख़त्म किया। 7 अगस्त 1990 को बीपी सिंह की सरकार ने उनकी सिफारिसों में से सिर्फ एक पिछड़ों के लिए 27 आरक्षण को लागू करने की घोषणा की। तब से बीपी मंडल राष्ट्रीय फलक पर चर्चा में आ गए। 13 अप्रैल 1982 को पटना में उनका निधन हुआ।

बीपी मंडल के पांच पुत्र हैं-रविन्द्र कुमार मंडल, शचिन्द्र कुमार मंडल, मनिन्द्र कुमार मंडल, गिरीन्द्र कुमार मंडल और ज्योतिन्द्र कुमार मंडल. उनकी दो पुत्री भी है वीणा और रेणू हैं।