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सीमा पर तनाव के बीच भारत के साथ आया अमेरिका, चीन के लिए कही ये बात

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच भी भारत के पड़ोसी देश अपनी नीच हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कभी पाकिस्तान भारत को घुड़की देने की कोशिश करता है तो कभी पाकिस्तान का हितैसी चीन भारत को बॉर्डर पर खड़े होकर आंखें दिखाने का प्रयास करता है।

लेकिन भारतीय सेना मुस्तैद है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी बीच भारत के साथ सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर अमेरिका ने चीन की कड़ी आलोचना की है। अमेरिका ने बुधवार को बीजिंग की कार्रवाई को ‘परेशान करने वाला व्यवहार’ बताया और कहा कि दो देशों के बीच की ये झड़पें चीन के खतरे की याद दिलाता है।

अमेरिकी अधिकारी एलिस वेल्स ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीमा विवाद एक चेतावनी थी कि चीन का आक्रमण हमेशा केवल बयानबाजी नहीं है। चाहे वह दक्षिण चीन सागर में हो या भारत के साथ सीमा पर हम चीन द्वारा उकसाने और परेशान करने वाले व्यवहार को देखते रहते हैं। उन्होंने कहा कि चीन का यह उकसाने और परेशान करने वाला व्यवहार यह सवाल खड़ा करता है कि बीजिंग अपनी बढ़ती शक्तियों का इस्तेमाल कैसे करना चाहता है?

भारत और चीन के बॉर्डर को लेकर तनाव पर अमेरिका ने भारत को अपना पूरा समर्थन दिया है। वेल्स ने कहा कि चीन उकसावे और अशांति फैलाने वाली हरकतें करता रहता है, जिसके खिलाफ अमेरिका, भारत, एशियन कंट्रीज और ऑस्ट्रेलिया एकजुट खड़े हैं। हम एक ऐसा इंटरनेशनल सिस्टम देखना चाहते हैं जो सभी को फायदा दे, इसलिए मुझे लगता है कि सीमा विवाद चीन द्वारा उत्पन्न खतरों की याद दिलाते है।

दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका काफी लंबे समय से चीन की आलोचना कर रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह आरोप लगाकर चीन को लताड़ लगाते रहे हैं कि कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में हुई मौत के पीछे चीन का हाथ है। इतना ही नहीं ट्रंप ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन पर भी चीन के लिए सैटेलाइट की तरह काम करने का आरोप लगाया था।

चीन और भारत के बीच अक्सर गर्मियों के दौरान बॉर्डर पर विवाद की खबरें आती रहती हैं। इस महीने की शुरुआत में भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में पैंगोंग झील के किनारे आमने-सामने आ गए थे। इस घटना में दोनों ही देशों के सैनिक घायल भी हुए थे।