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अखिलेश का मुख्यमंत्री योगी पर तंज, कहा-‘बदला बाबा’ अब क्या करेंगे

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर आरोपितों की सम्पत्ति से वसूली करने पर कोर्ट की रोक को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है।

उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया कि ‘बदला-बाबा’ अब क्या करेंगे? अब इस फैसले का बदला किससे लेंगे? मुखिया हैं तो कायदे-कानून का इल्म भी होना चाहिए और इंसाफ की नियत और निगाह भी। सपा अध्यक्ष ने कहा कि ये पद ज़िम्मेदारी का है प्रतिशोध की जहरीली भाषा बोलने का नहीं।

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएए प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में एडीएम कानपुर सिटी द्वारा जारी नोटिस के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि नोटिस पर अमल सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले में होने वाले आदेश पर निर्भर करेगा।

कानपुर के मोहम्मद फैजान की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। मोहम्मद फैजान ने चार जनवरी 2020 को एडीएम सिटी द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी थी। इस नोटिस में उसे लोक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कहा गया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के मामले में तय की गई गाइडलाइन के तहत लोक संपत्ति के नुकसान का आकलन करने का अधिकार हाई कोर्ट के सीटिंग या सेवानिवृत्त जज अथवा जिला जज को है। एडीएम को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है।

सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतरिम राहत नहीं दी है लिहाजा नोटिस पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में विचारणीय प्रकरण एक जनहित याचिका है। जबकि यहां पर याची नेे नोटिस जारी करने वाले प्राधिकारी की अधिकारिता को चुनौती दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से एक महीने में जवाब मांगा है। याचिका पर 20 अप्रैल को सुनवाई होगी। वहीं कोर्ट ने कहा कि याची सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को मानने के लिए बाध्य होगा।