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कृषि मंत्री व किसानों के बीच कई मांगों पर बनी सहमति

सिरसा। किसानों की मांगों लेकर संघर्षरत प्रदेशभर के कई किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल की वीरवार को कृषि मंत्री व विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में कृषि मंत्री के आवास पर बैठक हुई। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान एकता (बीकेई) से अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख, गुरप्रीत सिंह गिल, दलजीत चहल, पगड़ी संभाल जट्टा से अध्यक्ष मनदीप नथवान, कुलदीप सुखचैन, सुखदीप रतिया, बीकेयू करनाल से अध्यक्ष जगदीप औलख, अमृतपाल बुगा, खटकल टोल से महावीर पहलवान, पूनम रेढ़ू, सतीश आदमपुर शामिल थे। बैठक संबंधी जानकारी देते हुए लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि कृषि मंत्री जेपी दलाल व अन्य विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ किसान प्रतिनिधियों की हुई बैठक में किसानों की कई मांगों पर सहमति बन गई है। उन्होंने बताया कि खरीफ 2021 की फसल का बकाया मुआवजे की किश्त करीब 581 करोड़ रुपए की राशि वीरवार सांय तक किसानों के खाते में आ जाएगी। खरीफ  2020 का मुआवजा और बीमा कंपनियों का बकाया मुआवजा जल्द ही किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा और सिरसा के कई क्षेत्र, जिनमें डबवाली, रानियां, ऐलनाबाद और सिरसा हल्के में जिनकी फसल खराब हुई है, उनका बीमा भी नहीं था। उनका दोबारा से कमेटी गठित करके निरीक्षण किया जाएगा और उनको भी बनता मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा ट्यूबवैलों पर लगाई गई मोटरों की शर्त पर भी बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया कि जितनी भी कंपनियों की थ्री स्टार ऑथोराइज मोटर आती है, वह सभी कंपनियों की मोटरें मान्य होंगी। वहीं ट्यूबवैल कनैक्शनों में हो रही देरी पर भी उच्चधिकारियों ने तुरंत कनैक्शन जारी करने की बात कही, जिस पर किसान प्रतिनिधि सहमत हो गए। औलख ने बताया कि इसके अलावा नहरी पानी में की गई कटौति को भी वापस लेने का आश्वासन दिया। वहीं किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केसों को वापस लेने पर भी चर्चा हुई, जिसमें कृषि मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सभी किसानों पर दर्ज किए गए केस वापस लिए जाएंगे। इसके अलावा खाद के लिए मची मारामारी पर कृषि मंत्री ने पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करवाने की बात कही। औलख ने बताया कि जिन बुजुर्गों की पेंशन काटी गई है, उनकी पेंशन दोबारा से शुरू करवाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई और मंत्री व अधिकारियों ने दोबारा से पेंशन शुरू करवाने को आश्वस्त किया। वहीं औलख ने चेताते हुए कहा कि अगर इसके बाद भी सरकार की ओर से किसानों के साथ वायदाखिलाफी की गई तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा।