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महराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद बचाने और गिराने का खेल जारी, रविवार को ‘सुप्रीम’ सुनवाई

-शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

-उद्धव ठाकरे बोले-सरकार हमारी ही बनेगी
– शरद पवार की बैठक में पहुंचे एनसीपी के 45 विधायक
– विधायक दल के नेता पद से हटाये गये अजीत पवार
– भाजपा ने समर्थक विधायकों को भेजा दिल्ली

मुंबई। महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक उलटफेर के बाद भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। सरकार बनने के बाद राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गयी है। अब इसको बचाने और गिराने का खेल भी शुरू हो गया है। सरकार बनाने के बाद भाजपा के पास इसे बचाए रखने और विश्वासमत जीतने की सबसे बड़ी चुनौती है। फडणवीस को 30 नवम्बर से पहले विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा, लेकिन इससे पहले सत्तापक्ष और विपक्ष अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रयास में जुटे हैं।

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने फडणवीस सरकार को समर्थन देने वाले एनसीपी के नौ विधायकों को विमान से दिल्ली भेज दिया है। ये सभी विधायक अजित पवार के खेमे के बताए जा रहे हैं। वहीं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की है। शिवसेना ने अपने सभी 56 विधायकों के मोबाइल फोन जमा करवा लिये हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस अपने 44 विधायकों को कुछ दिनों के लिए राजस्थान के जयपुर भेजने की तैयारी में है। इसी बीच खबर आ रही है कि अजीत पवार को एनसीपी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 12 नवम्बर को लगा राष्ट्रपति शासन शनिवार सुबह 5:45 बजे हट गया। सुबह करीब आठ बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ। इसके बाद शिवसेना और एनसीपी ने दोपहर में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमारे किसी विधायक ने भाजपा को समर्थन नहीं दिया है। राजभवन गए एनसीपी विधायकों को भी पता नहीं था कि अजीत पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शनिवार शाम को राजनीतिक घटनाक्रम फिर बदलता दिखा, जब शरद पवार ने एनसीपी विधायकों की बैठक बुलाई।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पार्टी के 54 में से 45 विधायक पहुंचे। उधर, शिवसेना ने शपथ ग्रहण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार हमारी ही बनेगी, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। उन्होंने अपने विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कभी भी और कुछ भी संभव है। गडकरी ने पिछले सप्ताह भी यही बात कही थी।

दिलीप वलसे पाटील बने एनसीपी विधायक दल के नेता

एनसीपी ने अजित पवार की जगह विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए शरद पवार की अध्यक्षता में बैठक बुलाई। पार्टी नेता धनंजय मुंडे भी इसमें शामिल होने के लिए वाईवी चव्हाण सेंटर पहुंचे। इससे पहले एनसीपी सांसद सुनील तटकरे और दो अन्य विधायक उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को मनाने के लिए पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि एनसीपी विधायकों की बैठक में अजीत पवार को नेता पद से हटाने का फैसला किया गया है। इस पद पर दिलीप वलसे पाटील को चुना गया है। इसी बीच भाजपा के सांसद संजय काकड़े ने दावा किया है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार जल्द ही भाजपा-नीत राजग में शामिल होंगे।

अजीत के साथ मिलकर पांच साल चलाएंगे सरकार : फडणवीस

इसी बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ मिलकर राज्य में पांच वर्ष तक स्थिर सरकार चलाएंगे। फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हित को प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री ने अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बनाने पर उनका आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी हैं तो सब मुमकिन है। सरकार बनने पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। फडणवीस ने कहा कि उनका एक साथी उनसे अलग हो गया, इसका उन्हें दुख है, लेकिन पुराने अन्य सहयोगी उनके साथ हैं। उनकी सरकार बहुमत हासिल करेगी और पूरे पांच साल तक चलेगी।

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

महाराष्ट्र में सरकार के गठन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। शिवसेना ने अपनी याचिका में मांग की है कि राज्यपाल के उस आदेश को रद्द कर दिया जाए जिसमें उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल का फैसला असंवैधानिक, मनमाना, गैरकानूनी और समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

वहीं कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है। चीफ जस्टिस बोबडे दिल्ली में मौजूद नहीं है। जिसके चलते रविवार को सुबह 11.30 बजे सु्प्रीम कोर्ट की विशेष बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।