अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मौत के बाद आज उनके शिष्य बलवीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया l चादर पोशी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने सर्वप्रथम महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बलवीर गिरि को चादर ओढ़ाकर परंपरा को विधिवत शुरूआत किया
इस दौरान वहां उपस्थित सभी संतो ने बलवीर को चादर ओढ़ाकर मठ बाघंबरी गद्दी का महंत स्वीकार किया l चादर पोशी के दौरान गोरक्षा पीठाधीश्वर के साथ ही कई संतो के तरफ से बलवीर गिरि की चादर पोशी के लिए चादर भेजी गई थी l
कार्य की निगरानी के लिए पांच सदस्यों की कमेटी का होगा गठन-
महंत नरेंद्र गिरि का स्थान लेने के बाद बलवीर गिरी को मठ बागांबरी की कमान मिल तो गई है लेकिन उनके कामकाज को सुचारू रूप देने के लिए पांच सदस्यों वाली कमेटी का गठन भी किया जा रहा है जिससे समय-समय पर बलवीर गिरि के कार्यों की निगरानी किया जा सके l
13 अखाड़ों के देखरेख में आगे बढ़ेंगे बलवीर गिरि-
चादर पोशी हो जाने के बाद बलबीर गिरि ने पत्रकारों से वार्तालाप के दौरान कहा कि अपने गुरु द्वारा मिले इस जिम्मेदारी को वह पूरी इमानदारी निष्ठा के साथ निभाते हुए सनातन धर्म को उच्च स्तर तक ले जाने का काम करेंगे
l कहा कि मठ की संपत्ति को लेकर आगे किसी भी प्रकार की और भी कोई विवाद भविष्य में ना खड़ा हो उसके इसके लिए हम 13 अखाड़ों की निगरानी में काम करेंगे l जिससे समय-समय पर अखाड़ा द्वारा इसकी जांच पड़ताल होती रहे l