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वॉशिंगटन. अफगानिस्तान (Afghanistan) से सेना निकालने के फैसले पर चौतरफा सवालों का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के खिलाफ वॉशिंगटन (Washignton) में प्रदर्शन में हुए. उनके सरकारी आवास व्हाइट हाउस (White House) के बाहर अफगान नागरिकों (Afghan Nationals) ने नारे लगाए और अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए बाइडन को जिम्मेदार ठहराया. लोगों ने नारा लगाया, ‘बाइडन तुमने धोखा दिया, बाइडन तुम जिम्मेदार हो.’ प्रदर्शनकारियों ने तालिबान की कार्रवाईयों की भी निंदा की और कहा कि अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.
प्रदर्शन में शामिल पूर्व अफगान पत्रकार हमदर्फ गफूरी ने कहा, ’20 साल बाद हम फिर सन् 2000 के दशक में वापस आ गए हैं. हम शांति चाहते हैं… अगर तालिबान सत्ता पर काबिज होता है तो हजारों अन्य ओसामा बिन लादेन, हजारों मुल्ला उमर पैदा होंगे… और वे पाकिस्तान से हाथ मिलाएंगे और पूरे मध्य एशिया में फैलेंगे.’ प्रदर्शन में शामिल फरजाना हाफिज ने रोते हुए कहा, ‘तालिबान हमारे लोगों को मार रहा है, वहां महिलाओं को कोई आजादी नहीं होगी और लोगों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है.’
हफीजा ने कहा कि उनका 21 वर्षीय भतीजा अफगानिस्तान से बाहर आने की कोशिश कर रहा था. ANI के अनुसार उन्होंने बताया, ‘भतीजे को वीजा मिलना था ताकि वह हमारे पास आता लेकिन अब हम नहीं जानते कि उसके साथ क्या होगा?’ हफीजा ने रोते हुए कहा, ‘मेरा परिवार वहां है और मैं हर मिनट मर रही हूं. कल रात से मैं अभी तक सोयी नहीं हूं. मैं सो नहीं सकी. यह मेरे लोगों के लिए एक त्रासदी है. मुझे नींद नहीं आ रही है.’
The Taliban are killing our people, women will not have any freedom there and there is no one to look after the people: Farzana Hafiz, one of the protesters broke down while narrating the ordeal of Aghanistan people after the country fell to the Taliban pic.twitter.com/ZLBcx0BDmf
— ANI (@ANI) August 16, 2021
उधर तालिबान ने जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उस पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को अचंभा जताया. अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की नियोजित वापसी तत्काल एक सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के मिशन में बदल गई है. अफगान सरकार का तेजी से पतन और वहां फैली अराजकता कमांडर इन चीफ के रूप में बाइडन के लिए एक गंभीर परीक्षा की तरह है.
रविवार तक प्रशासन की प्रमुख हस्तियों ने माना कि अफगान सुरक्षा बलों के तेजी से हारने से वे अचंभे में हैं क्योंकि उन्होंने ऐसा अनुमान नहीं लगाया था. काबुल हवाई अड्डे पर छिटपुट गोलीबारी की खबरों ने अमेरिकियों को शरण लेने पर मजबूर किया जो उड़ानों की प्रतीक्षा कर रहे थे.
इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तालिबान का विरोध किए बिना काबुल का पतन होना अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में दर्ज होगा. तालिबान के काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लेने और इसके निर्वाचित नेता अशरफ गनी के अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले जाने के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘जो बाइडन ने अफगानिस्तान में जो किया वह अपूर्व है. इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में याद रखा जाएगा.’ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने इसे बाइडन प्रशासन की विफलता करार दिया है.
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