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अफगानिस्तान और भारत ने तालिबान का साथ दे रहे पाकिस्तान को UNSC की बैठक में किया बेनकाब

संयुक्त राष्ट्र। अफगानिस्तान और भारत ने तालिबान हिंसा में साथ देने पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बेनकाब किया है। भारत के साथ सुर मिलाते हुए चीन ने भी अफगानिस्तान में हिंसा का विरोध किया।

भारत की अध्यक्षता में शुक्रवार रात हुई बैठक में विभिन्न देशों ने अफगानिस्तान में जारी हिंसा के खिलाफ विरोध जताया। इस हिंसा में अफगानिस्तान ने तालिबान के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया। आपात बैठक की अगुवाई कर रहे भारत ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों की जवाबदेही तय होना जरूरी है। सुरक्षा परिषद सदस्यों ने एक सुर में हिंसा को रोकने के लिए संघर्ष विराम पर जोर दिया। इस बैठक में पाकिस्तान को नहीं शामिल किया गया।

सुरक्षा परिषद की इस अहम बैठक की अध्यक्षता कर रहे भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति के लिए जरूरी है कि आतंकी पनाहगाह खत्म किये जाएं। इसके साथ ही आतंकियों को रसद पहुंचाने वाली लाइनों को खत्म किया जाए। भारत ने आग्रह किया कि सुरक्षा परिषद हालात की समीक्षा के बाद अफगानिस्तान में व्यापक शांति के लिए तत्काल संघर्ष विराम के उपायों पर कदम उठाए।सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन के प्रतिनिधि ने कहा कि ताकत के दम पर अफगानिस्तान में कोई सरकार नहीं बनाई जानी चाहिए। भारत के साथ ही सुर मिलाते हुए चीन ने भी अफगानिस्तान में हिंसा का विरोध किया।

बैठक में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि तालिबानी हमले से हालात गंभीर हो गए हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि तालिबान के साथ विदेशी लड़ाके भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत गुलाम इस्काजई ने पाकिस्तान में तालिबानी लड़ाकों को मिल रही मदद, वहां के अस्पतालों में हो रहे इलाज का हवाला देते हुए पाकिस्तान सरकार से तालिबान की आपूर्ति लाइन खत्म करने की अपील की। उनका कहना था कि पाकिस्तान में तालिबान के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने को लेकर अनेक वीडियो सबूत सामने आते रहे हैं।

अमेरिका ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि अगर तालिबान ताकत के दम पर काबुल की सत्ता हथियाने की कोशिश करते हैं तो वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ जाएगा।