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आढ़ती करेंगे एक दिन की सांकेतिक हड़ताल: मेहता

सिरसा

सिरसा की अनाजमंडी में व्याप्त समस्याओं तथा आढ़तियों की
विभिन्न मांगों पर सरकार व स्थानीय अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बार-बार ज्ञापन देने व शिकायत
करने के बावजूद कोई समाधान न होने की वजह से आढ़तियों में रोष है। इसी रोष के कारण सिरसा जिले
की मंडियों में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। यह बात आढ़ती एसोसिएशन सिरसा के प्रधान
मनोहर मेहता ने आज आढ़तियों से चर्चा के दौरान कही। मेहता ने कहा कि मंडी में सीवर व्यवस्था पूरी
तरह से चरमराई हुई है। सीवर का पानी सडक़ों पर बहता रहता है। बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि अब फसल सीजन चल रहा है। मंडी में किसान अपनी फसल लेकर आ रहे हैं। ऐसे में
किसान भी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। मेहता ने बताया कि सरकार के तुगलकी फरमान के कारण
आढ़तियों में रोष है। सरकार ने एक लाइसेंस एक दुकान की नीति बनाई है जो आढ़तियों के हित में नहीं है।


इस नीति के कारण आढ़त का काम बंद हो जाएगा। सरकार की इस नीति के तहत एक अप्रैल 2023 से यदि
कोई आढ़ती अपनी मौैजूदा दुकान से मंडी की किसी दूसरी दुकान में आढ़त का काम करता है तो उसका
लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। मेहता ने कहा कि यह नीति सही नहीं है क्योंकि कई आढ़ती किराए की
दुकानों में बैठे हुए हैं जिस कारण उन्हें दुकान खाली करके दुसरी दुकान में जाना पड़ता है। इस नीति का पूरे
हरियाणा के आढ़तियों में रोष है।  इसलिए उनकी मांग है कि दुकान बदलने पर आढ़त का लाइसेंस रद्द
नहीं होना चाहिए अन्यथा इस नीति के विरोध में पूरे हरियाणा में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। मेहता ने
कहा कि इतना ही नहीं, सरकार ने बूथों की सालाना नवीनीकरण की फीस को 600 रुपये से बढ़ाकर 15
हजार रुपये कर दिया है जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि दुकानों की नवीनीकरण की फीस 600 रुपये है
जबकि बूथों की फीस 15 हजार कर दी जो न्यायसंगत नहीं है। इस फीस को 600 रुपये ही करने की मांग की
जा रही है। इसके लिए ज्ञापन भी दिया जा चुका है, मगर अधिकारी कोई गौर नहीं कर रहे हैं। इसलिए जल्द
ही आढ़ती एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इसके लिए सिरसा जिले की सभी मंडियों के प्रधानों से

चर्चा हो चुकी है। यदि उसके बाद भी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की तो मंडी में अनिश्चिकालीन हड़ताल
या धरना देने पर भी विचार किया जा सकता है।