Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

ठेले पर मरीज को अस्पताल ले जाने को जांच शुरू

उत्तर प्रदेश बलिया जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में पोल खोलने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। एक लाचार बुजुर्ग को बीमार पत्नी को तीन किमी दूर ठेला से इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। डॉक्टर्स ने रेफर किया तो पैसों का इंतजाम कर टेम्पो से जिला अस्पताल पहुंचाया। इतना सबके बावजूद पत्नी की जान नहीं बचा पाया। हद तो यह कि लाश को जिला अस्पताल से घर ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं मिली तो 1100 सौ रुपये किराया देकर निजी एम्बुलेंस से पत्नी की लाश लेकर घर लौट सका।

डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश: ये फोटो जब सोशल मीडिया पर आई तो लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। इस पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा महानिदेशक को पत्र जारी करके जवाब मांगा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। इस मामले में स्वयं के स्तर पर जांच करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करें। डिप्टी सीएम के जवाब तलब के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है।

पत्नी को ठेले पर लेकर पहुंचा: ये वायरल वीडियो चिलकहर ब्लॉक के अंदौर गांव का है। सुकुल प्रजापति की पत्नी 55 वर्षीय जोगनी की तबियत 28 मार्च को अचानक खराब हो गई थी। उन्हें अस्पताल तक जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला तो उन्होंने, ठेला पर ही पत्नी को लिटाकर तीन किमी दूर पीएचसी चिलकहर पहुंचे। सुकुल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र पर कुछ दवाएं देकर डॉक्टर ने जिला अस्पताल ले जाने को कहा।  वहां से टेम्पो से पत्नी को जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान ठेले से ले जाते हुए फोटो खींच लिया। इसके साथ ही उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

सदर अस्पताल में इलाज के दौरान जोगनी की मौत हो गई। सुकुल ने बताया कि रात करीब 12 बजे मौत के बाद लाश ले जाने के लिए अस्पताल से एम्बुलेंस मांगी तो उन्होंने रात में वाहन ले जाने की अनुमति न होने की बात कही। सुकुल ने बताया कि लाचार होकर 1100 रुपये में निजी एम्बुलेंस किराए पर की। इसके बाद लाश लेकर पहुंचे। यह मामला ट्वीट के जरिये शासन तक पहुंचा है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।

एंबुलेंस मिलने की शिकायत नहीं की : सीएमओ डा. नीरज पांडे का कहना है कि जानकारी होने पर पता कराया गया तो चिलकहर पीएचसी पर ठेला से किसी मरीज के पहुंचने की जानकारी नहीं मिली। अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं मिलने की किसी ने शिकायत नहीं किया है।