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मानव तस्करी कर नेपाल से लाए जा रहे बच्चों को SSB ने छुड़वाया

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर-खीरी।

  • मानव तस्करी का एक बड़ा मामला भारत नेपाल सीमा पर फिर से सामने आया है। यहां नेपाल से बिक्री के लिए ले जाए जा रहे छह बच्चों को एसएसबी ने मुक्त कराया है। मुफ्त कराए गए सभी छह बच्चे काठमांडू नेपाल के हैं। हालांकि इस दौरान बच्चों को ले जा रहा तस्कर एसएसबी के जवानों को चकमा देकर फरार हो गया।
  • तिकोनिया थाना क्षेत्र के बॉर्डर पर एसएसबी के खुफिया विभाग तथा आईबी गौरीफंटा की सूचना के आधार पर सोमवार को कार्यवाही करते हुए एसएसबी की गौरीफंटा कंपनी के द्वारा उस समय 6 छोटे बच्चों को मुक्त करा लिया गया जब उनको गौरीफटा से मथुरा जाने वाली बस में बैठाया जा रहा था।
  • पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि उनको ज्यादा पैसों की नौकरी का लालच देकर पुणे ले जाया जा रहा था। सभी बच्चे काठमांडू नेपाल के रहने वाले हैं। जो अपने माता पिता को बिना बताये पैसे के लालच में भाग आये थे। पकड़े गए अधिकतर बच्चे पढाई करने वाले छात्र हैं.
  • कार्यवाहक कमांडेंट संजीव कुमार ने बताया कि ये बच्चे हार्टलैंड स्कूल काठमांडू में पाढ़ते थे। काठमांडू से इनको लालच देकर भारत के पुणे में लाया जा रहा था। इसके पीछे बहुत बड़ा गिरोह काम कर रहा है, यह गिरोह  बड़ी चालाकी से बच्चों को भारत लाकर अवैध कामों में लगा देता है।
  • उन्होंने यह भी बताया कि फरार हुए युवक की पहचान हो चुकी है। साथ ही उस वक्त की पहचान भी की जा रही है। जिसे यह तस्कर पुणे में बच्चों को बेचने वाला था। एसएसबी ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है, जल्दी ही इसका खुलासा किया जाएगा।

    महानगरों में बाल मजदूरों की है डिमांड

    भारत के महानगरों में दंपत्ति के कामगार होने के कारण उनके पास समय का अभाव होता है। ऐसे में उन्हें ऐसे नौकर की आवश्यकता होती है, जो उनके लिए 24 घंटे काम कर सकें। यही कारण है कि बाल मजदूरी की मांग महानगरों में बढ़ती जा रही है। इसी कारण नेपाल व भारत के मानव तस्कर इन बच्चों की तस्करी में सक्रिय हैं। जिसका जीता जाता उदाहरण  सोमवार को सामने आया।