गोंडा|
फोरलेन के निर्माण में बाधक बने एक अवैध होटल को गिराने के लिए अपनी आवाज मुखर करना गोंडा के युवा समाजसेवी प्रदीप कात्यायन पर भारी पड़ गया। सोमवार को उसका शव गोंडा-बहराइच मार्ग पर पड़ा मिला। पुलिस इस घटना को हादसा मान रही है जबकि घर वाले हत्या की बात कह रहे हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गोंडा में कौड़िया थाना क्षेत्र अंतर्गथ फरेंदा शुक्ल गांव निवासी प्रदीप मिश्रा कात्यायन (35) जिले के युवा समाजसेवी थे और जनहित के मुद्दों को लेकर संघर्ष करते थे। प्रदीप की गिनती जिले के जुझारू युवा के रूप में थी। जिले में बन रही फोरलेन सड़क में बाधक बने अतिक्रमण के खिलाफ वह आवाज उठा रहे थे।
अतिक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए ही प्रदीप दो दिन पहले दिल्ली से वापस गोंडा आए थे। फोरलेन के निर्माण में अड़ंगा बने एक अवैध होटल को गिराने की मांग को लेकर वह मंगलवार से जनसंवाद मंच के बैनर तले धरने पर बैठने वाले थे।
प्रदीप के सहयोगी सुनील त्रिपाठी के मुताबिक सोमवार देर रात तक प्रदीप समेत सभी कार्यकर्ता धरने की रणनीति तैयार करने मे व्यस्त थे। मंगलवार सुबह सभी को एकत्र होना था। सुनील का कहना है कि सोमवार की देर रात उनकी बाइक लेकर प्रदीप अपने गांव कंचनपुर जाने के लिए निकले थे लेकिन देर रात तक गांव नहीं पहुंचे।
अनहोनी का आशंका पर परिजन उनकी तलाश के लिए निकले तो गोंडा-बहराइच मार्ग पर मुडेरवा माफी व ठढ़वरिया गांव के बीच उनका शव पड़ा मिला, जबकि बाइक भी सड़क किनारे पड़ी थी। प्रदीप के सिर व पैर में चोट के गंभीर निशान मिले हैं।