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मानसून ने प्रभावित किया बाघों की गणना का कार्य

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर खीरी। बाघों की देखरेख व सही संख्या जानने के लिए चल रही गणना को मानसून के कारण रोका गया है। 2 फेजों में बाघों की गणना की जा चुकी है। जबकि तीसरा पेज शुरू ही नहीं हो पाया। अब यह कार्य दो महीने बाद किया जाएगा। बाघों की सही गणना होने से जहां उनके स्वास्थ्य को लेकर भी विभाग जानकारी इकट्ठा कर पाएगा, तो वहीं इस गणना से बाघों की सुरक्षा व उनकी निगरानी के लिए भी सही खाका विभाग तैयार कर सकेगा। तीन जिलों में एक साथ चल रही बाघों की गणना में मानसून के कवर के बाद पीलीभीत के कर्तनिया में तीसरे फेज की होने वाली बाघ गणना को दो माह के लिए टाल दी गई है। इस बार की हो रही गड़ना में बाघों के साथ बदल रहे नेचर को लेकर भी पड़ताल की जा रही है। इसके लिए कैमरे लगाकर उनकी गिनती कर पूरा डाटा ऑनलाइन किया जा रहा है। दुधवा पार्क के निदेशक रमेश कुमार पांडे ने बताया कि इस बार दुधवा, किशनपुर ,पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का काम दो फेज में पूरा कर लिया गया है। दूसरे पेज में के लिए कर्तनिया को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर काम शुरू कर दिया है। इसके पीछे वजह यह है। कि मानसून के चलते इस जगह पर बाघों की गणना का काम दो माह के लिए टाल दिया गया है।

कर्तनिया घाट में नहीं लगे कैमरे

वही दुधवा निदेशक रमेश कुमार पांडे ने बताया कि तीन पेजों में बाघो की गणना का काम पूरा किया जाना है। पहले फेज में साइन सर्वे दूसरे फेज में डाटा कलेक्शन और तीसरे फेज में कैमरा लगा कर इनको ट्रेप किया जाना है। इसके लिए किशनपुरा, दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। कर्तनिया में मानसून के चलते दो माह बाद कैमरे लगाए जाएंगे।

बाक्स5 दिन से 200 मीटर के दायरे में घूम रहा है बाघलखीमपुर खीरी। महेशपुर वन रेज में किसान पर हमला कर जान से मारने वाले बाघ की लोकेशन वन महकमे ने ट्रेस की है। इसमें बाघ पिछले 5 दिनों में 200 मीटर के दायरे में ही होने को बताया जा रहा है। बाघ को लेकर सुंदरपुर गांव सहित पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। महेशपुर रेंज में बीती 18 जून को देवीपुर के सुंदरलाल गांव के बालकराम (35) पर खेत में काम करते वक्त बाघ ने हमला कर दिया था। इसमें बालक राम की मौत हो गई थी। इसको लेकर गांव के लोगों ने हंगामा कर विभाग के कर्मचारियों के साथ भी मारपीट की थी। ग्रामीण लंबे समय से इस बात को लेकर आक्रोशित चल रहे थे कि वन महकमा अभी तक बाघ लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाया है। उसे पकड़ना तो दूर की बात वन महकमा कोई खासा प्रयास नहीं कर रहा है। लेकिन वन महकमे द्वारा बाघ की लोकेशन की जानकारी दिए जाने के बाद ग्रामीणों में जहां दहशत है तो वहीं यह आस भी जगी है, कि जल्द ही वन महकमा इस बाघ को पकड़ लेगा।