हेल्थ डेस्क: स्तन(ब्रेस्ट) कैंसर दुनिया में तेजी से फैलने वाली खतरनाक बीमारियों में से एक है। ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर की अधिकतर रोगी महिलाएं होती हैं। पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम होती है। स्तन कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को कम उम्र में शिकार बना रहा है। भारतीय औरतों में स्तन कैंसर होने की औसत उम्र लगभग 47 साल है, जो कि पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल कम है। हांलाकि सही जानकारी, थोड़ी सी सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से इस समस्या को हराया जा सकता है। बता रहीं हैं डॉ. सुरभि जैन…
कब होता है स्तन कैंसर:
ब्रेस्ट चर्बी (Fat), सहायक ऊतकों (Supporting Muscles) और लसीकाओं वाले ऊतकों (Lymphatic Tissues) के बने होते हैं,जिनमें लोब (Lobe) होते हैं। स्तन कैंसर तब होता जब स्तन वाहिकाओं और लोब की कोशिकाओं में कैंसर हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार हमारा शरीर कोशिकाओं से बना होता है,जो समय-समय पर टूटते और बनते हैं। यह क्रम बेहद नियंत्रित तौर पर होता है। लेकिन जब कोशिकाओं के टूटने और बनने की प्रकिया अनियंत्रित हो जाती है और नई कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा बन जाती हैं, तब उस जगह एक गांठ बन जाती है। जब यह कोशिकाएं या सेल्स इकठ्ठा हो कर बड़ा रूप धारण कर लेती हैं तब यह ट्यूमर में बदल जाती हैं। जो आगे चलकर कैंसर भी हो सकती हैं।
जानें स्तन कैंसर के लक्षण:
- शुरुआत में स्तन कैंसर के लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता जाता है। इसके कुछ लक्षण उभरने लगते हैं।
- स्तन या कांख में कोई गांठ होना। ऐसे गांठ में सामान्यतः दर्द नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी हल्की सी चुभन हो सकती है।
- कांख में सूजन हो जाना।
- शुरुआत में गांठ का आकार चावल के दाने के बराबर होता है।
- स्तन में दर्द होना या स्तनों का सामान्य से ज्यादा मुलायम हो जाना या स्तनों का सख्त हो जाना।
- स्तनों पर खुद-ब-खुद खरोंच पड़ना।
- स्तनों का रंग, आकार या तापमान बदलना।
- निप्पल्स से तरल पदार्थ या खून का निकलना, हाँलाकि कभी-कभी ऐसा दूसरे कारणों से भी हो सकता है।
स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कुछ सम्भावित कारण:
- देरी से मां बनना
- बच्चे को कम समय तक दूध पिलाना
- पीरियड का कम उम्र में हीं शुरु हो जाना
- रजोनिवृत्ति देर से होना
- शराब पीना
- धूम्रपान करना
हो सकते हैं दूसरे कारण:
जानकारी की कमी और शर्म की वजह से ज्यादातर महिलाएँ स्तन कैंसर के गम्भीर रूप लेने के बाद हीं डॉक्टर के पास जाती है|
जांच है आसान:
- मेमोग्राफी टेस्ट करवाने से स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है | मेमोग्राफी करवाने में ज्यादा खर्चा नहीं आता है|
- 30 से 35 वर्ष की आयु के बाद हर महिला को यहटेस्ट जरुर करवानी चाहिए। गांठ का आकार समय के साथ बढ़ता जाता है।
- शीशे के सामने खड़े होकर अपने हाथों को धीरे– धीरे स्तनों पर ऊपर से नीचे की तरफ लायें.कोई गांठ होगी तो आपको अहसास होगा।
- प्रत्येक सप्ताह इस तरह आप खुद गांठ की जाँच कर सकती हैं।
स्तन कैंसर से बचने के कुछ उपाय:
- हर दिन व्यायाम करें
- भोजन में वसा वाले पदार्थों को खाना कम कर दें
- अपना वजन कम करें
- किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करें
लें हेल्थी डाइट:
अनुसंधान में यह पाया गया है कि यदि आप अपनी डाइट बदलते है तो 5 से 10 प्रतिशत मामलों को रोका जा सकता है ।
- पशु वसा के स्थान पर पॉलीसेचुरेटेड वसा(जैसे वनस्पति तेल व मार्जरीन) और मोनोसेचुरेटेड वसा (जैसे जैतून का तेल ) का प्रयोग करना चाहिये।
- खाने में अधिकतर आइसोफ्लायोन्स(जैसे सोया,मटर और बींस ) और लिग्नांस (जैसे सब्जियां,फल,अनाज,चाय और काफी) का प्रयोग करें।
- गेंहू की भूसी,अनाज,सेम एवं फायबर युक्त फल व सब्जियां अपने भोजन में शामिल करना चाहिये।
अपने आहार में दूध व अन्य डेयरी खाद्य पदार्थ शामिल करें, और हरी सब्जियां (जैसे ब्रोकोली,पत्ता गोभी और भिंडी)