देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
गोला में नहाने गए दो युवकों की डूबने से मौत का मामला अभी लोग भुला भी नहीं पाए थे कि जिला मुख्यालय में उससे भी बड़ी घटना ने लोगों को हिला कर रख दिया। घर से खेलने निकलने सात किशोरों का मन अचानक नदी में नहाने का हो गया। इसमें पांच किशोर ने जब छलांग लगाई तो वह गहरे पानी में चले गए जहां डूबने से उनकी मौत हो गई। शोर मचाने से आस-पास के लोग आ गए। बच्चों को बचाने के लिए कई लोग पानी में उतरे लेकिन जब तक उन्हें बाहर निकाला जाता सभी की मौत हो गई। सूचना मिलने पर एसडीएम व सीओ मौके पर पहुंचे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटनाक्रम के मुताबिक, जिला मुख्यालय के मोहल्ला गोकुलपुरी निवासी अशोक गुप्ता का बेटा प्रियांशु (15), मुन्ना लाल का बेटा हिमांशु (17), मनोज अवस्थी का बेटा निशांत (17), शरद मिश्र का बेटा अभिषेक मिश्र उर्फ गोपी (15) व जितेंद्र का बेटा अंकित वर्मा (16) बुधवार को घर से क्रिकेट खेलने निकले थे। मिदनियां गढ़ी में उल्ल नदी बंधे के पास कुछ देर सभी ने क्रिकेट खेला। इसके बाद सभी का मन नदी में नहाने का हुआ। क्रिकेट छोड़कर सभी उल्ल नदी बंधे के पास पहुंचे। कुछ देर वह पानी में छलांग लगाते रहे। फिर कुछ अलग करने के इरादे से सभी ने पीठ के बल पानी में छलांग लगा दी। कयास लगाया जा रहा है कि इस कोशिश में वह गहरे पानी में चले गए जहां वह डूबने लगे। जब बंधे पर खड़े बाकी के दो दोस्तों ने उन्हें डूबता देखा तो वह घबरा गए और मदद के लिए चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। यही नहीं उन्होंने फोन करके डूबे दोस्तों के घर वालों को भी खबर की। जब लोग मौके पर जमा हुए और उन्हें लड़कों के डूबने का पता चला तो कुछ लोग उन्हें बचाने के लिए नदी में कूदे। तब तक सभी बच्चे गहराई में जा चुके
थे। काफी देर मशक्कत करने के बाद पांचों को बाहर निकाल पाए लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। घटना की खबर मिलने पर कोतवाल सदर, एसडीएम आलोक वर्मा व सीओ हरीराम वर्मा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के वास्ते भेज दिया।
कहां रह गए विधायक जी?
उम्मीद थी कि सदर विधायक दुख जताने जरूर आएंगे। लेकिन यह उम्मीद भी पानी में डूब गई। घटना के बाद तक सदर विधायक या उनका कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। इस पर लोगों ने खासी नाराजगी जताई।
खनन माफियाओं की हरकत निशाने पर
लोगों ने बताया कि बच्चे जहां डूबे हैं वहां गहराई काफी अधिक हो गई है। इसके लिए खनन माफिया जिम्मेदार हैं। लोगों के मुताबिक खनन
माफिया अर्से से पाबंदी के बावजूद यहीं से बालू का खनन करते चले आ रहे हैं। अवैध खनन की वजह से ही यहां गड्ढे के तौर पर गहराई हो गई है।
शरद का इकलौता चिराग भी बुझ गया
पांच बच्चों की मौत से सभी के परिवारों में मातम का माहौल है लेकिन सबसे ज्यादा बुरा हाल शरद मिश्र का है। नदी ने उनके घर का इकलौता चिराग भी छीन लिया। वह अपने इकलौते बेटे को बहुत चाहते थे। पड़ोसी जिला सीतापुर के नबी नगर के रहने वाले शरद मिश्र ने अभिषेक के रूप में जाने कितने सपने संजो रखे थे। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने बेटे को एक्टिवा स्कूटी भी खरीद कर दी थी ताकि उसे पढऩे के लिए आने-जाने में तकलीफ न हो। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि जिस बेटे को लेकर उन्होंने तमाम सपने देखे थे वह एक दिन सपना ही बनकर रह जाएगा|
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