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ट्रंप का दिखा असर, खाड़ी देशों सहित अमेरिका में घटी भारतीयों की नौकरियां

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि 2016 में विदेशों में नौकरी के अवसरों में कमी आई है। खाड़ी देशों के तेल अर्थव्यवस्थाओं में मची उथल-पुथल और पश्चिमी देशों में बढ़ते संरक्षणवाद के चलते विदेश में भारतीयों के लिए रोजगार का संकट पैदा हुआ है। इन्ही वजहों से छह खाड़ी देशों में भारतीयों के लिए रोजगार में 33% की गिरावट दर्ज की गई है। 

  
इसमें वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक रूढ़िवाद का उदय भी देखा गया है। उदाहरण के तौर पर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इंजीनियरिंग जैसे कुशल क्षेत्रों में संरक्षणवादी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि हाल में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अपने देश के वीजा संबंधी नियम कठोर कर दिए हैं। इससे भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए रोजगार में कमी आई है।

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक खाड़ी में संकट कुछ ऐसा है जो भारतीयों के लिए रोजगार को प्रभावित करता है। खाड़ी देश के एक राजनयिक ने कहा कि यहां रोजगार करने वाले अपनी आय का ज्यादा हिस्सा अपने घर भेजते हैं, जो विदेश में नौकरी करने वाले भारतीय लोगों से प्रभावित दिखता है। 

विश्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि भारत 2016 में दूसरे देशों में नौकरी कर रहे नागरिकों की ओर से भेजे गए धन में 8.9% की गिरावट दर्ज की गई है। इसमें पिछले साल की तुलना में 1% की गिरावट आई है।  विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया कि 2014 में भारत ने 69.6 अरब डॉलर विदेश में नौकरी कर रहे भारतीयों की ओर से भेजा गया था, जिसमें 62.7 अरब डॉलर की गिरावट आई है। 

केरल के सतेश कुरूप ने कहा कि मैंने पिछले दो सालों में सऊदी में दो नौकरियां खो दीं और इसलिए मैं घर वापस जाना चाहता हूं बस अपनी बकाया सेलरी का इंतजार कर रहा हूं। 2016 में 165,356 लोगों को सऊदी अरब रोजगार मिला है जो 2015 की तुलना में लगभग आधा है। बता दें कि 2015 में सऊदी अरब में 306,642 लोगों को रोजगार मिला था। 

 

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