उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद जहाँ त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुन लिए गए हैं तो उत्तर प्रदेश में अभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का नाम साफ नहीं हो पाया है.हालाँकि 19 मार्च को लखनऊ के कांसी राम स्मृति उपवन में शाम 5 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ का समय तय हो चुका है.
फिलहाल मुख्यमंत्री पद की रेस में इस समय चार मुख्य नाम आगे हैं जिनमे रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा,गोरखपुर के सांसद योगी आदित्य नाथ,गृह मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का नाम है.लेकिन इन चारों नाम में जो नाम सबसे आगे है वो है रेल राज्य मंत्री और गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा का.
तो आपको बताते हैं यूपी के भावी सीएम मनोज सिन्हा के बारे में…
छात्र राजनीति से हुई शुरुवात हुई इन्जीनीयर मनोज की
- वर्तमान में गाजीपुर के सांसद और केंद्र में रेल राज्य और संचार मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) हैं.
- मनोज सिन्हा IIT-BHU के छात्र रहे हैं.इन्होने सिविल इंजीनियरिंग में एम.टेक किया है.
- छात्र राजनीति से शुरुवात करते हुए मनोज बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष थे.
- 1989-96 के मध्य में वे राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे.
- वर्ष 1996 में वे 11वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए तथा वर्ष 1999 में उन्हें पुन: 13वीं लोक सभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए.
- वर्ष 2014 में वे 16 वीं लोक सभा (तीसरा सत्र) के लिए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं.
बेटा है टेलीकॉम कंपनी में
- मनोज सिन्हा की शादी सुलतानगंज, भागलपुर की नीलम सिन्हा से शादी हुई है.
- उनकी एक बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है,और एक बेटा है जो एक टेलीकॉम कम्पनी में काम कर रहा है.
ख़ास बातें:अमित शाह और पीएम मोदी के नजदीकी हैं मनोज सिन्हा
- कभी विधानसभा इलेक्शन न लड़ने वाले और कैमरे से ज्यादा काम पर फोकस करने वाले मनोज सिन्हा यदि यूपी के सीएम बनते हैं, तो उनकी इस दावेदारी के पीछे कई खासियतें हैं. जो उन्हें बीजेपी सरकार का सबसे अलग मंत्री और नेता बनाती हैं.
- मनोज सिन्हा की सबसे बड़ी ताकत उनकी मिस्टर क्लिन की इमेज है.
- उन पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा है.भ्रष्टाचार मुक्त छवि होना उनकी सीएम की दावेदारी को बहुत ही मजबूत बनाता है. उनकी क्लीन इमेज और अविवादित छवि उन्हें पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह और पीएम मोदी का प्रिय बनाती है.
- वे अपने संसदीय क्षेत्र में बेहद सक्रिय रहते हैं. लोगों से उनका सीधा जुड़ाव उन्हें एक बेहतरीन जमीनी नेता बनाता है. छुट्टी के दिन भी वे जनता दरबार लगाते हैं, और लोगों को बुलाकर उनकी समस्याएं सुनते हैं, और समाधान करते हैं.
- उनकी विनम्र और हार्डवर्किंग पर्सनाल्टी के चलते पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें बहुत पसंद करते हैं, तो दूसरी ओर अमित शाह के नजदीकी माने जाते हैं. जबकि तीसरी ओर राजनाथ सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं.
- बीजेपी की टॉप और इंटरनल लीडरशिप में उनके प्रति जबर्दस्त कॉन्फिडेंस है.
- रेलवे में बतौर राज्य मंत्री काम करते हुए उनका काम और समर्पण देखकर प्रधानमंत्री ने उन्हें टेलीकॉम मिनिस्ट्री का अतिरिक्त प्रभार भी दिया. ऑलराउंडर, एफिशिएंसी और पॉलिटिकली स्मार्टनेस उन्हें बेहद अलग लीडर साबित करती है.
- मनोज सिन्हा एक संतुलित वक्ता भी हैं. वो तोल-मोल कर और संतुलन के साथ बोलते हैं. 2017 के इलेक्शंस में वे ऐसे स्टार प्रचारकों में से एक रहे हैं, जिन्हें हेलीकॉप्टर दिया गया.
ख़बर लिखे जाने तक मनोज सिन्हा बनारस में थे और फिर उनका अपने घर गाजीपुर जाने का प्लान था.अभी तक मनोज सिन्हा के नाम पर आधिकारिक रूप से मुहर नहीं लगी है.आज होने वाली विधायक दल की मीटिंग में ये भी तय हो जाएगा कि कौन होगा देश के सबसे सूबे का मुख्यमंत्री.