गोंडा(सनीश श्रीवास्तव): बेसिक शिक्षा विभाग का एक से बढ़ कर एक फर्जीवाड़ा सामने आने से लोग दंग है. विद्यालय से लेकर वित्त एवं लेखा विभाग ने एक अध्यापिका को बिना विद्यालय गये ही लाखों रुपये का वेतन डकार लिया है. मामला खुलने पर विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है.
जिले के वजीरगंज शिक्षा क्षेत्र के ग्राम करदा के हतवा में स्थित प्रायमरी पाठशाला हतवा में दो पुरुष और एक महिला अध्यापक 99 बच्चों को शिक्षा दे रहे है. शिक्षा भी ऐसी की बच्चों को ग्राम प्रधान से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी जिलाधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का नाम तक नही पता.
विद्यालय के इन्चार्ज प्रधानाध्यापक जो दोनों पैर से विकलांग है. शिक्षिका पिन्की सिंह व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पूर्व प्रधान अतीउल्ला खां ने यह सुनकर दंग रह गये कि यहाँ से किसी चौथे अध्यापक की नियुक्ति और उसका वेतन इसी विद्यालय से निकाला जा रहा है. 31 दिसम्बर को नियुक्त शिक्षिका इन्दूबाला ने ग्यारह माह बीतने के बाद विद्यालय का शक्ल तक नही देखा और न ही विद्यालय में प्रभार ग्रहण किया और न ही विद्यालय के उपस्थिति रजिस्टर पर नाम व हस्ताक्षर ही दर्ज है. इन्दूबाला बिना विद्यालय गये अब तक दो लाख उन्नीस हजार रुपये का वेतन भी ले चुकी है.
वहीँ इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि ” मामले की जांच की जा रही है जो भी तथ्य निकलेंगे उस पर कार्यवाही की जाएगी.”
इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नोटिस भेजकर सभी घटना से सम्बंधित कर्मचारियों को तलब किया है.