उत्तर प्रदेश में सत्रहवीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कुल 4,853 प्रत्याशी मैदान में हैं। इलेक्शन वॉच ने सातों चरण के प्रत्याशियों का लेखा-जोखा रविवार को जारी किया। इसके मुताबिक चुनाव में किस्मत आजमा रहा लगभग हर पांचवां प्रत्याशी दागी है। किसी पर हत्या का मुकदमा दर्ज है तो किसी पर सामूहिक दुष्कर्म का। हालांकि यह संख्या 2012 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले लगभग आधी है।
2012 में 35 प्रतिशत दागी मैदान में थे। इस बार यह संख्या 18 प्रतिशत है। इस चुनाव में 859 प्रत्याशियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। इनमें 704 प्रत्याशियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं। कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ हलफनामा दाखिल करने के बाद हत्या, बलात्कार और सामूहिक दुष्कर्म के केस दर्ज किए गए। इनमें सपा प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति व अरुण वर्मा, पीस पार्टी के डॉ. अय्यूब और बसपा के बज्मी सिद्दीकी शामिल हैं।
बसपा के सबसे अधिक दागी, भाजपा और सपा के भी कम नहीं
बसपा ने सबसे अधिक दागी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। उसके 400 प्रत्याशियों में से 150 प्रत्याशी दागी हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा है जिसके 383 में से 137 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं सपा के 307 में से 113 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 114 में से 36 उम्मीदवार तथा रालोद के 276 प्रत्याशियों में से 56 प्रत्याशी दागी हैं।