लखीमपुर-खीरी/देव श्रीवास्तव: दुनिया में सबसे बड़ी दौलत खोने का अहसास मां की मौत से होता है। इसका दर्द की कोई गहराई नहीं। कई बार तो यह लगाव इतना गहरा होता है कि मां की मौत पर लोग अपनी जिंदगी को भी कुर्बान करने से हिचक नहीं करते। कोतवाली सदर क्षेत्र में तीन बहनों ने मां की मौत होने पर ऐसा कदम उठाया जिससे पूरा जिला ही हिल गया।
युवराज दत्त महाविद्यालय के बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष डा. विशाल द्विवेदी पुत्र आरएस द्विवेदी की मां को रविवार की रात करीब 10 बजे हृदयाघात पड़ा। आनन-फानन एम्बुलेंस बुलाई गई। डा. द्विवेदी मां को एम्बुलेंस पर लिटाकर जिला अस्पताल के लिये निकले। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। डाक्टर द्वारा मां के मरने की पुष्टि करने पर डा. द्विवेदी मां को वापस घर ले आये। जैसे ही वह मां के शव को उतारने लगे घर के बाहर खड़ी बहनों शेफाली, शिल्पी व गरिमा यह देख अपना आपा खो बैठीं। तीनों ही चीखते चिल्लाते घर के भीतर पहुंची। पहले उन्होने मंदिर को तोड़ दिया। भगवान के फोटो फाड़ दिये और मूर्तियां तोड़ डालीं।
इसके बाद उन्होने खुद की जिंदगी भी खत्म करने का फैसला कर लिया। तीनों ने ही ब्लेड से अपने हाथों की नसें काट डालीं। यह देख अन्य परिवारी जनों व आस-पड़ोसी सकते में आ गये। परिवारीजनों ने तीनों के हाथ में पट्टियां बाँधी और एम्बुलेंस से लाकर रात करीब 11:30 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। काफी देर चले उपचार के बाद वह खून का बहना रोक पाये। फिलहाल तीनों बहनों की हालत खतरे से बाहर है।
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