लखनऊ:भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ FIR दर्ज न होने पर लोकतंत्र मुक्ति मोर्चा ने 4 फरवरी को दोपहर 12 बजे से आशियाना थाने पर सत्याग्रह कर अपना विरोध दर्ज कराया.कुछ ही देर में मजिस्ट्रेट पहुच कर प्रताप चन्द्र, अधिवक्ता अमित सचान, श्री अमरनाथ चक्रवर्ती व् श्री एम् एल गुप्ता को चुनाव आचार संहिता के तहत धारा 144 तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर थाने ले गए परन्तु कुछ ही देर में क्षेत्रीय जनता को जुटता देख और दबाव बनता देख मजिस्ट्रेट नें गिरफ्तार लोगों को छोड़ दिया |
आचार संहिता है,इमरजेंसी तो नहीं
समाजसेवी प्रताप चन्द्र का कहना है कि “भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व् भाजपा द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम 1950 के खुलेआम उलंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही करने के बजाये कानून पालन कराने की मांग करने वालों को गिरफ्तार करना इमरजेंसी ही दर्शाती है जो न सर दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि अफसोसजनक भी है |
समाजसेवी प्रताप चन्द्र नें मजिस्ट्रेट से कहा कि”चुनाव आचार संहिता लगी है, इमरजेंसी तो है नहीं”|
थानाध्यक्ष से मांगी गयी विधिक राय
आशियाना थानाध्यक्ष श्री सलाउद्दीन ने बताया कि इस मामले पर विधिक राय मांगी गयी थी जिसमें संयुक्त निदेशक अभियोजन श्री एस. पी. श्रीवास्तव नें बताया है कि इस मामले में मेरी राय में अपराधकृत होने का तथ्य परिलक्षित नहीं है इसलिए FIR नहीं बनती है|
अब तक नहीं हुई FIR
भाजपा द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक भारत के प्रधानमंत्री की फोटो अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो सहित तमाम प्रचार माध्यमों में भी इस्तेमाल कर रहे हैं जो राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम 1950 का उलंघन है जिसके तहत पिछले कई दिनों से आशियाना थाने पर शिकायत करने के बावजूद अबतक एफआईआर नहीं दर्ज की गई |
क्यों हैं विरोध
लोकतंत्र मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक प्रताप चन्द्र ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया है जबकि राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम 1950 में शामिल होने के कारण भारत के प्रधानमंत्री की फोटो का इस्तेमाल कोई भी राजनीतिक पार्टी नहीं कर सकती है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किया है. लोकतंत्र मुक्ति मोर्चा ने इसकी लिखित शिकायत शिकायत थाना आशियाना में की थी लेकिन अब तक मुकदमा दर्ज न होने पर 4 फरवरी को थाना आशियाना पर सत्याग्रह का फैसला किया गया है.