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14 महाविद्यालयों में अब क्षेत्रीय भाषा में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, उपराष्ट्रपति ने जाहिर की खुशी

नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों को स्नातक कार्यक्रमों में सामूहिक रूप से एक हजार से अधिक छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी है, जिन्हें नए शैक्षणिक वर्ष से क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाया जाएगा। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों के अनुरूप है।

इनमें कम से कम आधे इंजीनियरिंग कॉलेज उत्तर प्रदेश के चार, राजस्थान के दो और मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के एक-एक शामिल हैं जहां हिंदी में पढ़ाया जाएगा। वहीं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के शेष कॉलेज क्रमशः तेलुगु, मराठी, बंगाली और तमिल में पढ़ाई हो सकेगी।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा नए शिक्षा सत्र से कुछ चुने हुए पाठ्यक्रमों को क्षेत्रीय भाषा में भी उपलब्ध कराने का स्वागत किया है। उपराष्ट्रपति ने शनिवार को अंग्रेजी, हिन्दी, गुजराती, बांग्ला, पंजाबी, मराठी, मलयालम, उड़िया, तेलगु, कन्नड़ और तमिल में टवीट कर फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने संतोष जाहिर किया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार ही एआईसीटीई ने बी.टेक. कार्यक्रमों को हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम, बांग्ला, असमिया, पंजाबी और उड़िया को इन 11 भाषाओं में पढ़ाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। उपराष्ट्रपति ने आशा जताई है कि अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज तथा व्यवसायिक शिक्षा संस्थान भी क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएंगे।

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