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यहां बिक रहे हैं गाय के गोबर से बने 12 आइटम, घर बैठें ऐसे खरीदें-12 products made from cow urine or dung Rashtriya Kamdhenu Aayog Cow dung-based anti-radiation chip diyas idols Check List Dlnh– News18 Hindi

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नई दिल्ली. दीवाली पर चीन के बने आइटम को टक्कर देने, गौशालाओं की आय का साधन बनाने और गाय के गोबर का महत्व लोगों तक पहुंचाने के मकसद से ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ शुरु किया गया है. यह अभियान राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने शुरु किया है. इस अभियान के तहत दीवाली से जुड़े 12 आइटम खासतौर से गाय के गोबर से बनाए गए हैं. महिला समूहों को जोड़कर पहले उनहें सामान बनाने की ट्रेनिंग दी गई. उसके बाद समूहों को शहर-शहर में मौजूद गौशालाओं से जोड़ा गया. सामान तैयार किया गया. तैयार सामान आपसी जनसंपर्क और लोकल बाज़ार की मदद से लोगों के बीच बेचा रहा है.

दिवाली के लिए बनाए गए हैं यह 12 आइटम -आरकेए के अध्यक्ष डॉ.वल्लभभाई कथीरिया का कहना है कि ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ से पहले हम पीएम नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर गौमाया गणेश अभियान चलाया था. गाय का गोबर मिलाकर मूर्तियां तैयार की गईं थी. अभियान के सफल होने के बाद अब दीवाली के लिए तैयारी की गई है. दीवाली के लिए खास दिये, मोमबत्ती, धूपबत्ती, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, समरणी, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनाई गई हैं. इस अभियान से पंचगव्य उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा.

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11 करोड़ परिवार में 33 करोड़ दियों से जगमग होगी दिवाली – आरकेए के अध्यक्ष का कहना है कि वैसे तो डिमांड के हिसाब से जितना माल बन जाए उतना ही अच्छा है. लेकिन फिर भी हमने एक लक्ष्य तय किया है. जैसे देश के 11 करोड़ परिवारों तक 33 करोड़ गाय के गोबर से बने दीए पहुंचाने का लक्ष्य लिया है. इसमे से 3 लाख दीयों का ऑर्डर हमे अयोध्या, एक लाख वाराणसी से पहले ही मिल चुका है. इसके पीछे हमारा सबसे बड़ा मकसद चीन के बने दीयों को खत्म कर अपने लोगों के लिए रोज़गार के रास्ते खोलने हैं.

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रोज़गार बढ़ाने के लिए इन्हें जोड़ा गया है ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ – आरकेए अध्यक्ष का कहना है कि बेशक शुरुआत के दौरान बने सामानों की संख्या और उसे बनाने वालों की संख्या कम हो, लेकिन हमारा मकसद से बढ़ाकर हर भारतीय घर तक गाय के गोबर से बने यह 12 आइटम पहुंचाने का है. इसी के चलते रोज़गार बढ़ाने और इस अभियान से हर भारतीय को जोड़ने के लिए शुरुआती पहल में हमने डेयरी किसानों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और युवा उद्यमियों, गौशालाओं, गोपालकों, स्वयं सहायता समूहों आदि जैसे और भी दूसरे लोगों को जोड़ने का अभियान जारी है.

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