नई दिल्ली : अगर आपके पास किसी भी बैंक का क्रेडिट कार्ड है और आप उससे जमकर शापिंग करते हैं तो शायद यह खबर आपको परेशान कर सकती है। क्योंकि क्रेडिट कार्ड कंपनियों, बैंक और बीमा कंपनियों ने एक जुलाई से गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू होने के बाद अधिक टैक्स चुकाने को लेकर चेतावनी मैसेज भेजना शुरू कर दिया है।
अभी क्रेडिट कार्ड कंपनियों, बैंक और बीमा के लिए ग्राहकों को 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स देना होता है। एक जुलाई से सभी अप्रत्यक्ष कर जैसे सर्विस टैस और वैट जीएसटी में समाहित हो जाएंगे। वित्तीय सेवाओं और टेलीकॉम को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में रखा गया है।
एसबीआई कार्ड ने अपने ग्राहकों को अधिक टैक्स के प्रति सचेत करने के लिए एसएमएस भेजना शुरू कर दिया है। एसबीआई कार्ड ने अपने एसएमएस में लिखा है कि मौजूदा 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स अब 18 प्रतिशत जीएसटी रेट से बदल जाएगा।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड और एचडीएफसी जैसे बैंकों ने भी इस संबंध में अपने ग्राहकों को मैसेज भेजना शुरू कर दिया है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने अपने ग्राहकों को भेजे ई-मेल में कहा है कि टर्म पॉलिसी के प्रीमियम और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी पर फंड मैनेजमेंट चार्ज एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के बाद 18 प्रतिशत की दर से वसूले जाएंगे। वर्तमान में इन प्रोडक्ट्स पर 15 प्रतिशत की दर से सर्विस टैक्स लगता है।
एंडोवमेंट पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी के तहत ग्राहकों को 2.25 प्रतिशत टैक्स देना होगा, जबकि वर्तमान में इस तरह की पॉलिसी पर 1.88 प्रतिशत टैक्स लगता है। 30 जून की मध्यरात्रि को संसद के केंद्रीय हॉल में एक भव्य समारोह के दौरान जीएसटी को लॉन्च किया जाएगा। इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत देश के तमाम नेता उपस्थित रहेंगे।