Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

होमवर्क में फेल हो रहे सीएम योगी, अब पीएम के दौरे से पहले करेंगे अधूरा काम

मुख्यमंत्री योगी ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद वाराणसी में अधिकारियों पर गाज गिराने की तैयारी पूरी कर ली है. सीएम ने वाराणसी में केन्द्र सरकार द्वारा चलाए गए वृहद निर्माण योजनाओं को तीन साल बाद भी पूरा नहीं कर पाने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की बात कही.

राज्य सरकार में सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने वाराणसी से जुड़े तीन बड़े प्रोजेक्ट्स को अभी तक पूरा नहीं कर पाने के बाद सरकारी विभागों पर दबाव बनाने की कोशिश की है. जिन तीन अहम प्रोजेक्ट्स पर मुख्यमंत्री का खास ध्यान है उसमें वाराणसी एयरपोर्ट से शहर तक चड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट, शहर के लिए नया रिंग रोड का निर्माण और शहर के बीचो-बीच 776 करोड़ रुपये की लागत से एक बड़े फ्लाइओवर का निर्माण शामिल है.

खासबात है कि बीते हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद सीएम योगी ने पीएम के चुनाव क्षेत्र से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स को जून 2018 तक पूरा करने के लिए अधिकारियों को हिदायत दी. गौरतलब है कि माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जून में वाराणसी का दौरा कर सकते हैं और इसीलिए राज्य सरकार शहर के लंबित काम को पूरा कर लेना चाहती है.

राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी के नए रिंग रोड का काम फिलहाल 51 फीसदी पूरा हुआ है वहीं एयरपोर्ट से शहर तक चड़क चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट 71 फीसदी पूरा किया जा चुका है. वहीं शहर के बीचो-बीच निर्माणाधीन फ्लाईओवर का काम अटक गया है और इससे शहर में ट्रैफिक की व्यवस्था बेहद खराब हो चुकी है. इन सभी निर्माण प्रोजेक्ट्स को केन्द्र सरकार ने 2014 में ही शुरू कर दिया था लेकिन बीते एक साल से इन प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन में इजाफा किया जा रहा है.

इसके अलावा वाराणसी के दीनापुर में 533 करोड़ रुपये के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी दिसंबर 2017 तक पूरा कर लिया जाना था लेकिन किन्हीं कारणों से इस डेडलाइन को भी बढ़ाकर मार्च 2018 कर दिया गया है. साथ ही वाराणसी को दो प्रमुख शहर सुल्तानपुर और गोरखपुर से जोड़ने के लिए दो नैशनल हाइवे के काम भी पूरा नहीं किया जा सका है. इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का दावा है कि अभीतक वाराणसी प्रशासन ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी को इस काम के लिए जमीन का अधिग्रहण करके नहीं दिया है.