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हिमाचल में दिखा कुदरत का कहर, 159 लोगों ने गवांई जान

शिमला। हिमाचल में इस साल मानसून सीजन के दौरान अभी तक अलग-अलग हादसों में 159 लोगों की मौत हुई है। वहीं पांच लोग लापता हैं। राज्य में 13 जून को मानसून ने दस्तक दी थी।

राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के आंकड़ों के अनुसार मानूसन की अवधि में 97 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। इसके अलावा फिसलने के कारण 20, भूस्खलन के कारण 12, पानी के तेज बहाव में बहने से 10, सर्पदंश से पांच, ग्लेशियर की चपेट में आने से चार, करंट से तीन, आग से एक और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में सात लोगों की मृत्यु हुई।

मानसून सीजन में सबसे अधिक 26 मौतें शिमला जिला में हुई हैं। कांगडा व मंडी में 18-18, चम्बा में 17, सिरमौर में 16, सोलन व कुल्लू में 14-14, ऊना व बिलासपुर में 10-10, लाहौल-स्पीति में आठ और हमीरपुर व किन्नौर में चार-चार लोगों की जान गई। प्राकृतिक आपदाओं में पांच लोग लापता हैं।

इस दौरान 360 पशु भी मारे गए। प्रदेश में हुई बारिश से 42 पक्के और 23 कच्चे घर पूर्ण रूप से तबाह हुए। वहीं 45 पक्के व 239 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 242 गौशालाओं, सात दुकानों और पांच पुलों को भी क्षति हुई। मानसून में

लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य (आइपीएच) विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा है। लोक निर्माण विभाग को 13977. 89 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। आइपीएच विभाग को 7539.75 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा है।

राज्य में मंगलवार सुबह तक 200 से अधिक सड़कें भूस्खलन के कारण बाधित रहीं। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक डलहौजी में 77, कांगड़ा में 69, धर्मशाला में 60, नाहन में 43, सोलन में 41, मंडी में 36 और कुफरी में 35 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है।

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश के मैदानी एवं मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में 23 जुलाई तक भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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