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हिमाचल के 7500 गांवाें में तिरंगा फहराएगी एबीवीपी

शिमला। देश की स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् “स्वतंत्रता उत्सव” को प्रदेश के प्रत्येक जन-जन का पर्व बनाते हुए पूरे हिमाचल प्रदेश के 7500 गांवों में तिरंगा झण्डा फहराएगी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के 7500 गांवों में एक ही समय पर शुरू होगा जिसका समय 10ः00 बजे प्रातः निर्धारित किया गया है। एक कार्यक्रम में प्रत्येक गांव के पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के परिवार तथा प्रत्येक आम नागरिक को आमंत्रित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2022 को देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् 15 अगस्त 2021 से स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को याद करते हुए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इसी कड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तय किया है कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा आम जनमानस को साथ लेते हुए 15 अगस्त, 2021 को हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक गांव में तिरंगा झंडा फहराया जाएगा।

इस अभियान के लिए विद्यार्थी परिषद् ने प्रांत स्तर पर टीम का गठन किया है, जिसके प्रदेश संयोजक के नाते अभिषेक कुमार रहेंगे तथा प्रदेश सह-संयोजक के नाते प्रदीप कुमार, शक्ति शर्मा, नैंसी अटल, आकाश नेगी, गौरव अत्री, अभिलाष शर्मा, गौरव कुमार और अनिल कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए असंख्य वीरों ने स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया, अपने प्राणों की आहुतियां तक दे दी जिसके परिणामस्वरूप ही स्वतंत्र भारत का स्वप्न साकार हुआ था। इन सब बलिदानों को याद करते हुए आजादी के 75 वर्षों का एहसास देश के लिए ऐतिहासिक पर्व है। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अलग-अलग आंदोलनों, बलिदानों तथा घटनाओं की अपनी-अपनी अहमियत और प्रेरणा है, जिन्हें याद करते हुए ही हमें आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में वहां के स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता एक सार्वजनिक स्थान तय करते हुए वहां पर तिरंगा फहराएंगे और साथ ही सामूहिक राष्ट्रीय गान गाया जाएगा तथा भारत मां के जयघोष के साथ महान बलिदानों को याद करते हुए भारत माता के वीर सपूतों को याद किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के पश्चात कुछ इतिहासकारों द्वारा देश की स्वतंत्रता के इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। मात्र कुछ लोगों के ही आंदोलन के संघर्ष को ही दर्शाया गया। परंतु वास्तव में स्वतंत्रता संग्राम के अंदर असंख्य वीरों ने संघर्ष किया है अपने प्राणों की आहुतिया तक दी है। जिनका जिक्र हमें इतिहास में कहीं पर भी दिखाई नहीं पड़ता।

स्वतंत्रता के आंदोलन में हिमाचल प्रदेश का भी विशेष योगदान रहा है। क्योंकि गुलामी के कालखंड में हिमाचल प्रदेश में भी अंग्रेजों की कई छावनीया विद्यमान थी। देश में प्रतिरोध रूपी घटित घटनाओं का दिग्दर्शन करते हुए हिमाचल प्रदेश में भी अनेकों वीर पुरुष स्वाधीनता आंदोलन के यज्ञ में कूदे थे। परंतु विडंबना यह रही कि ऐसे महान पुरुषों की गाथाओं को इतिहासकारों ने सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया।

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