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हाफिज सईद ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद के मामले को दी चुनौती, कहा- लश्कर, अल कायदा से लेना देना नहीं

2008 मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं प्रतिबंधित जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद और उसके छह वरिष्ठ सहयोगियों ने शुक्रवार को अपने खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण और धनशोधन के आरोपों को यहां स्थित एक शीर्ष पाकिस्तानी अदालत में चुनौती दी।

पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने गत तीन जुलाई को जमात उद दावा प्रमुख सईद सहित उसके 13 नेताओं के खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंकवाद के वित्तपोषण’’ के आरोप में 23 प्राथमिकी दर्ज की थीं। 

पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए प्राथमिकियों में जिनका नाम है उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

शुक्रवार को सईद जो कि कथित रूप से लाहौर के जौहर नगर में रह रहा है उसने इन प्राथमिकियों को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी। सईद और जमात उद दावा के छह अन्य नेताओं ने मामले में संघीय और पंजाब सरकारों तथा सीटीडी को प्रतिवादी बनाया।

अर्जी में कहा गया है कि हाफिज सईद और अन्य (याचिकाकर्ता) लाहौर उच्च न्यायालय के (पूर्व के) फैसले के अनुसार लश्करे तैयबा के सदस्य नहीं हैं। याचिकाकर्ताओं का लश्करे तैयबा या अलकायदा से कोई संबंध नहीं है। वे जमात उद दावा से संबंधित हैं, वे किसी भी आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं हैं और वे केवल ‘ईधी’ जैसे सामाजिक कल्याण का काम कर रहे हैं और इससे भी अधिक वे गरीबों और जरूरतमंदों को शिक्षित कर रहे हैं। 

इसमें कहा गया है कि भारतीय लॉबी ने उनके (सईद और अन्य) खिलाफ आरोप लगाया कि वे मुम्बई आतंकवादी हमलों में शामिल हैं। यद्यपि ऐसा कोई सबूत नहीं है या दस्तावेजों द्वारा याचिकाकर्ताओं से इसका कोई संबंध स्थापित नहीं होता। ऐसा कोई सबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता सरकार विरोधी गतिविधियों या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली किसी गतिविधि में शामिल हैं।