प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने काले धन को सफेद बनाने के खेल में दिल्ली में एक्सिस बैंक की कश्मीरी गेट शाखा के दो मैनेजरों को गिरफ्तार किया है। ये बैंक मैनेजर घूस में सोने की ईंट लेते थे। एजेंसी ने इनके ठिकानों से तीन किलो की तीन ईंटें बरामद की हैं।
दोनों मैनेजरों शशांक सिन्हा और विनीत गुप्ता ने ये सोने की ईंटें नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के नोट में करीब 40 करोड़ रुपये झुग्गी में रहने वाले मजदूर के नाम पर बनाई गई बोगस कंपनियों के खाते में जमा करवाने के बदले वसूले थे।
एक्सिस बैंक ने कहा है कि आरोप लगने के बाद उसने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। शशांक ऑपरेशन मैनेजर है तो विनीत ब्रांच मैनेजर। इन अधिकारियों को तीस हजारी अदालत में पेश किया गया।
एक्सिस बैंक ने कहा है कि आरोप लगने के बाद उसने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। शशांक ऑपरेशन मैनेजर है तो विनीत ब्रांच मैनेजर। इन अधिकारियों को तीस हजारी अदालत में पेश किया गया।
ऐसे कर रहे थे कालेधन को सफेद
कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए सोना खरीदने वालों से ज्वैलर्स एडवांस में रकम ले लेते थे। सीए की मदद से यह रकम बोगस कंपनियों के नाम जमा करा दी जाती थी।
ईडी ने सनराइज ट्रेडिंग कंपनी, हिमालय इंटरनेशनल, आरडी ट्रेडर्स और बीगल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी फर्जी कंपनियां पकड़ी हैं। यहां से रकम संबंधित ज्वैलर्स के अकाउंट में ट्रांसफर (आरटीजीएस) कर दी जाती थी।
ज्वैलर्स रकम के बदले सोना दे देता था। चूंकि, पूरा लेन-देन फर्जी कंपनी के जरिए हुआ, इसलिए यह पता ही नहीं चल पाता था कि किस व्यक्ति ने अपने कालेधन को सफेद बनाने के लिए सोना खरीदा है। इस खेल में बुलियन कारोबारी आदि ट्रेडर्स, सिद्धि विनायक ज्वैलर्स, तुषार ज्वैलर्स के नाम सामने आए हैं।
इन ज्वैलर्स के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव कुशवाहा, देवेंद्र कुमार झा, राजकुमार शर्मा फर्जी कंपनियों का इंतजाम करते थे। इन लोगों ने नोटबंदी के बाद 9 से 22 नवंबर के बीच चलन से हटाए गए 39 करोड़ रुपये के नोट जमा कराये। इसमें शशांक व विनीत ने उनकी सहायता की।
ज्वैलर्स 50, 000 रुपये प्रति दस ग्राम तक बेचते थे सोना