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सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का किला ढहा, भाजपा पहली बार हुई काबिज़

रायबरेली। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस का किला ढह गया और भाजपा ने दो दशकों से काबिज़ यह सीट कांग्रेस से छीन ली।

शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष की मतगणना के बाद भाजपा की रंजना चौधरी को 30 वोट मिले। जबकि कांग्रेस की आरती सिंह 22 वोट ही पा सकी। कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में जबरदस्त उत्साह है।

आज सुबह से शुरू हुआ मतदान निर्धारित अवधि के पहले ही समाप्त हो गया।सभी 52 जिला पंचायत सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया। उल्लेखनीय है कि रायबरेली में भाजपा के सबसे कम 8 जिला पंचायत सदस्य ही विजयी हुए थे। जबकि सबसे ज्यादा 14 सदस्यों वाली पार्टी सपा ने कांग्रेस को समर्थन किया था।

कांग्रेस के पास ख़ुद 11 सदस्य थे, 19 निर्दल रहे लेकिन इन आंकड़ों का कोई फायदा नहीं हुआ और सबसे कम सदस्यों वाली पार्टी भाजपा ने कांग्रेस को 8 वोटों से हरा दिया। कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाली इस सीट पर प्रियंका वाड्रा की भी निगाहे थी और उन्होंने सपा से पार्टी के लिए समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभाई थी। जबकि कांग्रेस का गढ़ होने के कारण भाजपा ने इस सीट के लिए अपनी पूरी ताक़त झोंक रखी थी। जिसका उसे फायदा मिला और पहली बार रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर वह काबिज़ हो पाई।

20 साल बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई। इस सीट पर दो बार से लगातार कांग्रेस का ही कब्जा रहा, हालांकि निवर्तमान अध्यक्ष अवधेश सिंह 2018 में भाजपा में शामिल हो गए। मतदान और मतगणना के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। डिग्री कॉलेज चौराहे से ही बैरियर लगाकर सभी को रोका जा रहा था। जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया गया था। सुरक्षा व्यवस्था संभालने में तीन सीओ, आठ इंस्पेक्टर, पांच एसओ,350 पुरूष और महिला पुलिसकर्मियों को लगाया गया था।

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