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सुप्रीम कोर्ट हुआ नाराज, केंद्र सरकार को दिया ये आदेश

img_20161126080153भारत में कानून के शिकंजे से बचने के लिए 100 से ज्यादा भारतीय नागरिक भागकर विदेशों में रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन भगोड़ों पर सख्त टिप्पणी की है।

शुक्रवार को अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि ये सभी लोग भारत वापस लाए जा सकें और यहां उनपर मुकदमा चलाया जाए। जस्टिस जे.एस.खेहर औऱ जस्टिस अरुण मिश्रा ने इस तरह आसानी से लोगों के विदेश भाग जाने की घटनाओं पर चिंता जताई। अदालत ने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करे कि इन सब भगोड़ों का कानून के सामने पेश किया जा सके और न्याय हो। अदालत ने विजय माल्या का नाम लिए बिना कहा, ‘हम देख रहे हैं कि इन दिनों हर कोई कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भागकर चला जा रहा है।’ कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों को वापस लाया जाना जरूरी है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि कानून उन्हें पकड़ सकता है। बेंच ने कहा, ‘हमें एक मिसाल कायम करनी चाहिए।’ मालूम हो कि माल्या के खिलाफ बैंकों से लिए कर्ज का बकाया नहीं चुकाने के कारण गैर-जमानती वारंट जारी है। माल्या लंदन भाग गए हैं।उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को भारत से भागकर लंदन में रह रही उद्योगपति महिला रितिका अवस्थी को भी वापस भारत लाने के लिए सभी जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि रितिका के खिलाफ देश में एक आपराधिक मामला दर्ज है, लेकिन उन्होंने कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए यहां आने से इनकार कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लंदन जाकर अपने बीमार पति से मिलने की इजाजत दी थी, लेकिन रितिका वहां से वापस नहीं लौटीं। अदालत ने इससे पहले भी केंद्र को निर्देश दिया था कि रितिका का पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए। कोर्ट ने लंदन में भारतीय उच्चायोग को भी निर्देश दिया कि वह रितिका को भारत लाने की कार्रवाई शुरू करे।केंद्र द्वारा कार्रवाई करने में असमर्थता जताते हुए सलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट से कहा कि सरकार के पास रितिका के पासपोर्ट का ब्योरा नहीं है और उन्हें वापस भारत लेकर आने की प्रक्रिया तभी शुरू की जा सकती है जब कि उनके पासपोर्ट की जानकारी सरकार को मुहैया कराई जाए।इसके जवाब में बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार ने ही रितिका को पासपोर्ट जारी किया था और केंद्र इसके बारे में आसानी से जानकारी हासिल कर सकती है। बेंच ने रंजीत कुमार से कहा, ‘उन्हें वापस लेकर आना आपकी (केंद्र) जिम्मेदारी है, ताकि उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। आप हमें बताएं कि आप रितिका को कब और कैसे वापस लेकर आएंगे। पासपोर्ट और इमिग्रेशन आपके अधिकारक्षेत्र में आता है। हमें ऐसा लग रहा है कि उन्हें वापस भारत लेकर आने में आपकी दिलचस्पी ही नहीं है।’इसपर सलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने रितिका को उनका पासपोर्ट दिया था और केंद्र सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि रंजीत कुमार ने कोर्ट को यह आश्वासन भी दिया कि पासपोर्ट का ब्योरा मिलने के बाद 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार पासपोर्ट रद्द कर सकती है। अदालत ने केंद्र को इसके लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है।

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