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सीएम योगी का बड़ा फैसला: प्रदूषण के टाप लिस्ट में लखनऊ हुआ शामिल, कृत्रिम बारिश कराने के दिए निर्देश…

लखनऊ। योगी सरकार ने राजधानी को दमघोंटू हवा से मुक्ति दिलाने के लिए हेलीकॉप्टर से कृत्रिम बारिश कराए जाने का फैसला किया है। इसके लिए तत्काल आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ बैठकर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा प्रत्येक शहर में धूल कम करने के लिए नगर निगम और फायर ब्रिगेड के टैंकरों और स्प्रिंकलर से छिड़़काव करने और कूड़ा व पराली जलाने पर लगी पाबंदी सख्ती से अमल का निर्णय भी लिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ समेत प्रदेश के प्रमुख शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें वन एवं पर्यावरण विभाग, परिवहन, कृषि, नगर विकास, उद्योग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़े अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व अन्य प्रमुख अफसर मौजूद रहें। 

सीएम ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए समुचित कदम न उठाने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरों के जिन हिस्सों में धूल बहुत ज्यादा है, वहां स्प्रिंकलर से छिड़काव की व्यवस्था की जाए। 

राजधानी समेत सभी जिलों में कूड़ा और पराली जलाने पर पाबंदी आदेश जारी करके ही अफसर चुप न बैठ जाएं, बल्कि जहां इस तरह के मामले आ रहे हैं, वहां मौके पर जाकर उसे रुकवाएं। बैठक में यह बात भी सामने आई कि लखनऊ के आसपास के इलाकों में धान की फसल लेट कटी है और इस वक्त बड़े पैमाने पर पराली जलाई जा रही है। 

सीएम ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि सिर्फ जुर्माना लगाने से काम नहीं चलेगा, प्रदूषण रोकने के लिए अधिकारियों को मौके पर जाकर काम करना होगा। बैठक में यह बात भी सामने आई कि जिन इलाकों में जाम की समस्या कम है, वहां प्रदूषण भी कम है। जाम लगने पर एकाएक प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। 

राजधानी की हवा में पीएम-2.5 का स्तर बढ़ने के पीछे की एक प्रमुख वजह जाम लगना भी है। राजधानी में जाम के प्वाइंट्स भी बताए गए। तय हुआ कि दफ्तरों और स्कूलों के खुलने व बंद होने के वक्त के वक्त ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के विशेष प्रबंध किए जाएंगे। 

प्रयास किया जाएगा कि मेट्रो रेलवे लाइन के निर्माण के चलते जाम की समस्या कम से कम पैदा हो। इसके लिए सीएम ने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। सीएम ने सभी शहरों में पुराने वाहनों के मामले में समीक्षा करने को कहा। साथ ही एक निश्चित समयसीमा से ज्यादा पुराने वाहन तत्काल हटवाने के निर्देश भी दिए।

राजधानी के ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में हेलीकॉप्टर से कृत्रिम बारिश कराने का मुद्दा भी बैठक में प्रमुखता से रखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ बैठकर इस बारे में तत्काल एक कार्ययोजना बनाई जाए। 

इस पर विचार जरूर किया जाए कि प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए यह तरीका कितना कारगर साबित होगा। बैठक में ही सीएम ने निर्देश कि गुरुवार को इस मामले में प्रमुख सचिव, गृह अरविंद कुमार आईआईटी के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। 

कृषि विभाग चलाए किसानों के बीच जनजागरूकता अभियान

उधर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु अधिनियम की धारा-31 ए के तहत लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा और मुरादाबाद के नगर आयुक्त, आरटीओ, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि वे प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल समुचित कदम उठाएं। 

झाड़ू लगाने से पहले पानी का छिड़काव किया जाए। जाम की संभावना वाले इलाकों में लोगों को पहले से अलर्ट कर दिया जाए, ताकि वे उधर न आएं और समस्या बढ़ने से रोकी जा सके।

सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि अपशिष्ट को जलाने से रोकने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएं। इसको लेकर किसानों और आम लोगों में जागरूकता भी लाई जाए। कृषि विभाग भी किसानों को कृषि अपशिष्ट (पराली आदि) जलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए।

जागरूकता लाने के लिए एफएम का होगा इस्तेमाल

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि लखनऊ में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आईआईटी कानपुर की मदद से कृत्रिम बरसात के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उन्नत तकनीकी का व्यापक प्रयोग जरूरी है। उन्होंने जाम से निपटने के लिए लखनऊ के कैसरबाग बस अड्डे को डी-कन्जेस्ट (भीड़-भाड़ कम) करने का आदेश दिया।
योगी ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के निर्माण के लिए शहर में जहां भी सड़कों के किनारे ट्रेंच खोदी गई हैं, उन्हें शीघ्र भर दिया जाए, ताकि वहां से धूल न उड़े। उन्होंने सूचना विभाग को निर्देश दिए कि एफएम और कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से कूड़ा, कृषि अपशिष्ट न जलाने और वाहन प्रदूषण को रोकने के संबंध में 15 जनवरी तक जागरूकता अभियान चलाया जाए।

लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए भी प्रेरित किया जाए। बैठक में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यावरण राज्यमंत्री उपेंद्र तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव पर्यावरण रेणुका कुमार और प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी भी मौजूद रहे।