मुंबई : अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि कर सबको चौंका दिया। बीते सप्ताह 16 दिसंबर यानी शुक्रवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 257.62 अंक यानी 0.96 फीसदी की गिरावट के साथ 26,489.56 पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक एनएसई 122.30 अंकों यानी 1.48 फीसदी की गिरावट के साथ 8,139.45 पर बंद हुआ। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2.38 फीसदी की गिरावट रही जबकि बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.68 फीसदी की गिरावट रही। बीते सप्ताह की शुरुआत ही गिरावट के साथ हुई। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन यानी 12 दिसंबर को सेंसेक्स 231.94 अंकों यानी 0.87 फीसदी की गिरावट के साथ 26,515.24 पर बंद हुआ। हालांकि, मंगलवार यानी 13 दिसंबर के कारोबार में बाजार में मजबूती रही। इस दौरान सेंसेक्स 182.58 अंक यानी 0.69 फीसदी की मजबूती के साथ 26,697.82 पर बंद हुआ जो नौ दिसंबर 2016 के बाद सेंसेक्स का सबसे उच्चतम बंद स्तर रहा।
शेयर बाजार बुधवार यानी 14 दिसंबर को उथल-पुथल भरा रहा। इस दौरान सेंसेक्स 94.48 अंकों यानी 0.36 फीसदी की गिरावट के साथ 26,602.84 पर बंद हुआ जो 12 दिसंबर 2016 के बाद इसका सबसे निचला बंद स्तर रहा। बाजार के प्रमुख सूचकांक गुरुवार यानी 15 दिसंबर को हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 83.77 अंकों यानी 0.31 फीसदी की गिरावट के साथ 26,519.07 पर बंद हुआ और अंत में कारोबार के आखिरी साप्ताहिक सत्र यानी 16 दिसंबर को बाजार में हल्की गिरवाट रही। सेंसेक्स 29.51 अंकों यानी 0.11 फीसदी की कमजोरी के साथ 26,489.56 पर बंद हुआ।