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सरकार ने फिर शुरू की सिक्कों की ढलाई, बंद करने का यह था कारण

हाल ही में नए सिक्कों की ढलाई पूरी तरह बंद करने के अपने फैसले से केंद्र सरकार आखिरकार पीछे हट गई है। सरकार के निर्देश पर कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद स्थित चारों सरकारी टकसालों (मिंट) में सिक्कों की ढलाई दुबारा शुरू कर दी गई है। हालांकि सिक्कों के उत्पादन की रफ्तार धीमी कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार सरकार ने अब धीमी गति से सिक्कों का उत्पादन करने को कहा है। इसके तहत केवल एक शिफ्ट में ही काम होगा। कलकत्ता मिंट एम्पलॉईज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बिजन दे ने बताया कि सरकार का आदेश मिलने के बाद शुक्रवार से सिक्कों का पुनः उत्पादन शुरू हो गया है। उनके अनुसार, आदेश में सभी प्रकार के सिक्कों का उत्पादन करने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि बीते नौ जनवरी को सरकार ने चारों टकसालों को निर्देश जारी कर तत्काल प्रभाव से सिक्कों का उत्पादन बंद करने को कहा था। इसके बाद टकसाल में काम कर रहे हजारों लोगों के रोजगार पर संकट पैदा हो गया था।

यूनियन के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार को इसको लेकर आगाह कराए जाने और चारों तरफ उठ रही विरोध की आवाजों को देखते हुए उत्पादन प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि इन सरकारी टकसालों में हर साल 1550 करोड़ सिक्कों की ढलाई हो सकती है। लेकिन आरबीआई के पास सिक्कों का आवश्यकता से ज्यादा स्टॉक होने के कारण उत्पादन बंद करने का फैसला किया गया था।

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार रिजर्व बैंक ने चालू वर्ष 2017-18 के दौरान 771.2 करोड़ सिक्कों की ढलाई के लिए आदेश दिया था। इनमें से 590 करोड़ सिक्कों का उत्पादन हो चुका है। चालू वित्त वर्ष के बाकी ढाई महीनों में लक्ष्य के अनुसार उत्पादन पूरा हो जाएगा।

इसलिए हुआ था बंद –

इससे पहले रिजर्व बैंक के सूत्रों ने कहा था कि समय-समय पर सिक्कों के प्रचलन और भंडारण क्षमता का आंकलन करके उत्पादन में बदलाव किया जाता है। टकसाल संचालित करने वाली कंपनी सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (एसपीएमसीआईएल) ने पहले कहा था कि टकसालों में 252.8 करोड़ सिक्के रखे हैं जिन्हें रिजर्व बैंक द्वारा उठाया नहीं गया है।