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सरकार के रहमोकरम पर नहीं है इस चौकी का स्टाफ

लखीमपुर-खीरी।
एक कहावत है जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी। अवैध खनन, ओवर लोड गाडिय़ां और शहर में बड़े वाहनों की आवाजाही का समय निर्धारित किए जाने का पूरा फायदा पुलिस महकमें के लोग उठा रहे हैं। राह से गुजरना है तो पुलिस वालों को चढ़ावा  चढ़ाना है। फर्क बस इतना है कि भ्रष्टाचार की कालिख में अपने हाथ काले होने से बचाने के लिए बाकायदा प्राइवेट लोगों को लगा रखा है। इनका काम है इशारे देकर गाडिय़ों को रोकना और पैसे लेकर पुलिस के हाथ में पहुंचाना। 
  कुछ ऐसा ही कारनामा आए रोज करती है एलआरपी चौकी पुलिस। यहां चौकी इंचार्ज व सिपाहियों ने भारी वाहनों को गुजरने के लिए वसूली अभियान छेड़ रखा है। इसके लिए प्राइवेट आदमी तैनात किए गए हैं। यह लोग चौकी के बाहर पड़ी कुर्सियों पर बैठे रहते हैं। चौकी के सामने से होकर गुजरने वाले वाहनों की निगेहबानी रखते हैं। जैसे ही कोई भारी वाहन गुजरता है यह लोग उसे आगे बढ़कर रुकने का इशारा करते हैं। बस, ट्रक और ट्रैक्टर-ट्राली वाले इस इशारे को समझकर चौकी से कुछ दूरी पर जाकर वाहन रोक देते हैं। इसके बाद चौकी का वसूली एजेंट इनके पास आकर चढ़ावा लेता है और उसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करता है। 
  चौकाने वाली बात यह है कि इस वसूली के जरिए गैर कानूनी कार्यों को अंजाम देने वाले भी लाभांवित हो रहे हैं। शुक्रवार को जब इसकी पुष्टि के लिए चौकी में बैठे लोगों की निगेहबानी की गई तब यह संगीन मामला सामने आया। चौकी के बाहर सिपाही व प्राइवेट वसूली एजेंट कुर्सी डाले बैठे थे। वसूली एजेंट हर गुजरने वाले भारी और माल भरे वाहनों पर निगाह रख रहे थे। इसी बीच गोला की ओर से आ रहे अवैध बालू भरे ट्रक को देखकर वसूली एजेंट ने उसे आगे रुकने की ओर इशारा किया। पीडब्लूडी गेस्ट हाउस गेट के सामने चालक ने ट्रक रोक दिया। इस बीच वसूली एजेंट उसके पास आया। दोनों में थोड़ी देर बात हुई और चालक ने पैसे निकालकर एजेंट को पकड़ा दिया। पैसे मिलते ही एजेंट ने चालक को बढ़ जाने का इशारा किया और पैसा गिनता हुआ वापस चौकी पर आकर बैठ गया। 
  तैनात सिपाहियों से लेन-देन को लेकर बात हुई और वसूली एजेंट ने मिले पैसे सिपाहियों को पकड़ा दिया। इसमें से कुछ हिस्सा सिपाहियों ने बख्शीश के तौर पर वसूली एजेंट को दे दिया। आस-पास के जानकारों ने बताया कि चौकी के सिपाही व वसूली एजेंट आए रोज हजारों रुपए वाहनों को पास कराने के नाम पर वसूले जाते हैं। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा चौकी इंचार्ज को मिलता है। बख्शीश के तौर पर छोटा हिस्सा वसूली करने वाले एजेंट को दिया जाता है। बाकी की रकम चौकी में तैनात अन्य सिपाही बांट लेते हैं। 

वीडियो में कैद हुआ चौकी का भ्रष्टाचार

लखीमपुर-खीरी। संवाददाता ने चौकी पर वसूली के लिए लगाए गए एजेंट और उनकी हरकतों को बाकायदा कैमरे में रिकार्ड किया। इस रिकार्डिंग के बाद एलआरपी चौकी पर चल रहा वाहनों को पास कराने के नाम पर वसूली का गोरखधंधा खुलकर सामने आ गया। 

पहले खुद तो कानून और ईमानदारी का पाठ सीख लें

लखीमपुर-खीरी। एलआरपी चौकी इंचार्ज और तैनात सिपाही आने वाले पीडि़तों को कानून का पाठ सिखाने में गुरेज नहीं करते। सीधे-साधे निबटने वाले मामले में भी कानूनी दांवपेंच  बताने वाली एलआरपी पुलिस वसूली के लालच में सब कुछ भूल बैठती है। न किसी दिशा-निर्देश की परवाह और न ही विभाग के इज्जत-मर्यादा की। सरेआम होती इस बदनामी का संज्ञान लेकर उच्चाधिकारियों को भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जरूरत नजर आ रही है।