Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

सरकारी रकम की एफडी कराने का मामला

लखीमपुर-खीरी।
करोड़ों की सरकारी रकम की एफडीआर कराने के मामले में हो रही कार्रवाई इतनी धीमी है कि मानों लग रहा है कि अधिकारी कार्रवाई करना ही नहीं चाहते। 15 करोड़ की सरकारी रकम को एफडीआर में डाले कई महीने हो चुके हैं। मामले का खुलासा हुए भी महीने भर से ज्यादा हो गया है लेकिन सरकारी महकमे की चैतन्यता का आलम यह है कि अब जाकर एक लेटर शासन को गया है। हद तो यह है कि इस मामले से सीडीओ तक को अवगत नहीं कराया गया जब मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो वह चौंक गए और उन्होंने खुद जांच कराने की बात कही। 
गौरतलब रहे कि विकास भवन स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा में इंदिरा आवास व लोहिया आवास के पात्रों को लाभांवित करने के लिए बजट आया था। इसमें इंदिरा आवास का पांच करोड़ व लोहिया आवास का 10 करोड़ रुपए अवशेष रह गया था। उधर बैंक को मिला वार्षिक एफडीआर लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया था। मार्च क्लोजिंग से पहले इस लक्ष्य को प्राप्त करना था। सूत्र बताते हैं कि बैंक में बजट की मौजूदगी और दूसरी तरफ एफडीआर के लक्ष्य ने बैंक प्रबंधक को लाखों की रकम कमाने का जरिया दिखा दिया। मैनेजर साहब ने इंदिरा आवास व लोहिया आवास के बजट को फर्जी एफडीआर खुलवाने में इस्तेमाल कर दिया। इन एफडी में अधिकतर 90-90 लाख की हैं जबकि कुछ 50-50 लाख की खोली गई हैं। इस तरह सरकार का पूरा बजट एफडीआर में ही खपा दिया गया। मामला तब फंसा जब यह प्रकरण उजागर हो गया। एक तरफ बैंक प्रबंधक इस रकम को एफडीआर से वापस खातों में पहुंचाए जाने का ताना-बाना बुन रहे हैं। 
उधर इसकी भनक विकास भवन के अधिकारियों तक पहुंच गई। मामले में जब इलाहाबाद बैंक के जिला मुख्य शाखा के प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने प्रकरण की जांच कराने की बात कहने की बताए उल्टे इसका सुबूत मांगना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी धन को एफडीआर में डाले जाने का सुबूत लेकर आओ तभी कार्रवाई होगी। हालांकि परियोजना अधिकारी ने मामला संज्ञान में आने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। मामले को शासन से अवगत कराया जाएगा। 
इस मामले में जब परियोजना अधिकारी से दोबारा बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले से संबंधित एक पत्र शासन को भेजा गया है। अब आगे की कार्रवाई वहीं से या उनके निर्देश पर होगी। वहीं जब सीडीओ से इस बावत बात की गई तो वह मामला सुनते ही चौंक गए। उन्होंने कहा कि यह तो बहुत ही बड़ा मामला है। उन्होंने जिम्मेदारों द्वारा इस प्रकरण को उनके संज्ञान में न लाए जाने पर भी रोष जताया। उन्होंने कहा कि वह जांच करायेंगे और जो भी दोषी मिला उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.